🌑 क्या आप उलझन, देरी या अचानक नुकसान में फँसे हैं? इस अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा से एक असरदार दोष निवारण पूजा के ज़रिए राहु की पकड़ से मुक्ति पाएं।
क्या आपने बहुत कोशिशों के बाद भी पदोन्नति, बिज़नेस में स्थिरता या आर्थिक राहत को बार-बार खोते देखा है? इसका कारण गुरु चांडाल दोष हो सकता है यह दोष आपकी कुंडली में बृहस्पति और राहु की युति से बनता है। इस ग्रह योग के कारण सही फैसले लेना मुश्किल हो जाता है, मौके हाथ से निकल जाते हैं और लगातार पैसे की दिक्कत बनी रहती है। जब बृहस्पति की शुभ बुद्धि राहु के भ्रम से ढक जाती है, तब अच्छे काम भी बिगड़ने लगते हैं। सौदे टूट जाते हैं, निर्णय गलत हो जाते हैं और सोच में साफ़गोई खत्म हो जाती है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, राहु भ्रम और अचानक अड़चनों का कारण बनता है, जबकि बृहस्पति ज्ञान, धर्म और धन का प्रतीक होता है। इन दोनों का साथ आना, व्यक्ति के कर्मों में गड़बड़ी और रुकावटें लाता है।
🪔 भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अजा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है – यह दिन पुराने पापों और ग्रहों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से गहरे कर्म दोष भी शांत हो जाते हैं और आत्मा को शुद्धि मिलती है। इसी शुभ ऊर्जा के साथ जुड़े रहने के लिए, श्री मंदिर की ओर से एक विशेष बृहस्पति-राहु युति दोष निवारण पूजा आयोजित की जा रही है, जिसमें आर्थिक और मानसिक स्थिरता के लिए मंत्र जाप और वैदिक अनुष्ठान किए जाएंगे।
✨ इस विशेष पूजा में शामिल हैं:
🔹 18,000 बार राहु मूल मंत्र जाप – भ्रम, डर और अस्थिरता को शांत करने के लिए
🔹 16,000 बार बृहस्पति मूल मंत्र जाप – ज्ञान, धर्म और समृद्धि को फिर से पाने के लिए
🔹 वैदिक हवन – ग्रहों की ऊर्जाओं में संतुलन लाने और शांति व समृद्धि को बुलाने के लिए
🌿 यह पूजा क्यों करें?
ऐसा माना जाता है कि यह दोष आपकी कुंडली के अच्छे योगों को भी कमजोर कर देता है, जिससे देरी, बेचैनी और सफलता की राह में अड़चनें आती हैं। अजा एकादशी के दिन यह पूजा करने से भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद मिलता है, जो भ्रम को दूर करता है, जीवन को फिर से सही दिशा में लाता है और आपको सुरक्षा, स्पष्ट सोच और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।