🪔 रविवार को सूर्योदय दिव्य गंगा आरती और 51 आदित्य ह्रदय स्तोत्र पाठ से पाएं साहस और निडरता का दिव्य आशीर्वाद
सनातन धर्म में रविवार को सूर्य आराधना से आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और ऊर्जा की वृद्धि होती है। सूर्य देव को जीवनदाता और आत्मा का कारक माना गया है। इस दिन अर्घ्य, स्तोत्र पाठ जैसे अनुष्ठानों से आरोग्यता, दीर्घायु, सफलता और मान-सम्मान का आशीष मिलता है और नकारात्मक प्रभाव दूर होने शुरू हो जाते हैं। आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ भगवान सूर्य की आराधना का सर्वोत्तम माध्यम माना गया है। रामायण में अगस्त्य ऋषि ने भगवान श्रीराम को इसका उपदेश दिया था, जिससे वे रावण पर विजय प्राप्त कर सके।
51 बार आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को आंतरिक शक्ति, साहस और मानसिक निडरता का आशीर्वाद मिलता है। यह स्तोत्र जीवन से भय, रोग और शत्रुओं का नाश कर सकता है और सफलता के मार्ग खुलते हैं। रविवार को जयपुर के गलताजी मंदिर में विद्वान पुरोहितों द्वारा 51 बार इसका जप विशेष फलदायी माना जाता है। यह पूजा आरोग्य, दीर्घायु, यश और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा मजबूत कर सकती है।
🪔 इस अनुष्ठान का अहम हिस्सा सूर्योदय के दौरान मां गंगा की आरती है। काशी में गंगा के तट पर होने जा रही सूर्योदय की दिव्य गंगा आरती एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव है। भोर के समय गंगा तट पर घंटियों की ध्वनि, वैदिक मंत्रोच्चार और दीपों की लौ से वातावरण दिव्य हो उठता है। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हुए जब मां गंगा की आराधना की जाती है, तब भक्तों को अपार शांति, ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव होता है। मान्यता है कि इस आरती में शामिल होने से पापों का नाश संभव है। साथ ही सूर्य आराधना के साथ यह आरती कई गुना फलदायी मानी जाती है।
काशी के अस्सी घाट पर होने वाली गंगा आरती अद्वितीय और अत्यंत दिव्य मानी जाती है। प्राचीन काल से यह घाट विद्या, साधना और संस्कृति का केंद्र रहा है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां की आरती में जब सैकड़ों दीपक प्रज्वलित होते हैं, वैदिक मंत्र गूंजते हैं और गंगा माता को अर्घ्य अर्पित किया जाता है, तब वातावरण अलौकिक बन जाता है। मान्यता है कि अस्सी घाट की आरती में शामिल होने से जीवन के पाप नष्ट हो सकते हैं, मन को शांति मिलती है और गंगा के पवित्र जल के दर्शन मात्र से मोक्ष की दिशा तय होती है। वहीं, 51 आदित्य ह्रदय स्तोत्र पाठ जयपुर के गलता जी मंदिर में होगा, जो सूर्य आराधना-अनुष्ठानों का बेहद पवित्र स्थल है।
🪔 श्री मंदिर के माध्यम से यह महापूजा सूर्यदेव की कृपा और मां गंगा के दिव्य आशीर्वाद का शक्तिशाली संगम है, जो आपके जीवन को एक नई दिशा दे सकती है।