क्या आपको हद से ज्यादा गुस्सा आता है? 😡🚧 जीवन में हर कदम पर बाधाएं पीछा नहीं छोड़ रही हैं?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह की युति राहु के साथ हो जाती है तो उसे अंगारक दोष कहा जाता है। यह दोष जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी करता है। मंगल ग्रह आम तौर पर साहस, आत्मविश्वास और ऊर्जा का प्रतीक होता है, लेकिन जब इसके प्रभाव अशुभ हो जाएं तो व्यक्ति में गुस्सा, झगड़े, तनातनी और आक्रामकता जैसी नकारात्मक आदतें बढ़ जाती हैं। विशेष रूप से यदि मंगल सातवें भाव में हो तो वैवाहिक जीवन में रुकावटें आनी शुरू हो जाती हैं।
वहीं, यदि मंगल ग्रह जन्म कुंडली के पहले भाव में स्थित हो, तो व्यक्ति का स्वभाव उग्र, असंतुलित और प्रतिक्रियाशील हो सकता है। इससे जीवन में शत्रुता, मानसिक अस्थिरता और निरंतर संघर्ष की स्थिति बनती है। ऐसे दोषों से राहत पाने के लिए भगवान मंगलनाथ और भगवान हनुमान जी की संयुक्त पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। चूंकि हनुमान जी को मंगल ग्रह का स्वामी कहा गया है, उनकी कृपा से न केवल क्रोध शांत होता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है और जीवन में मानसिक तथा कार्यात्मक स्थिरता स्थापित होती है।
🌕 मंगलनाथ महादेव मंदिर में इस दिव्य अनुष्ठान के माध्यम से आप भी दूर करें संघर्षों का अंधेरा
मंगलवार का दिन मंगल ग्रह को भी समर्पित होता है, इसलिए उज्जैन स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में मंगलवार को 7000 मंगल ग्रह शांति मंत्र जाप और शत्रुंजय हनुमत स्तोत्रम् हवन का आयोजन किया जा रहा है। जिन आराधकों के जीवन में आक्रामकता और गुस्सा उनके विवेक पर भारी पड़ने लगा हो, अपने व्यवहार के चलते उनके बने-बनाए काम बिगड़ने लगे हों तो यह साधना उनके जीवन को फिर से सही रास्ते पर लाने की शक्ति रखती है।
🔹 मंगल ग्रह शांति मंत्र जाप से मंगल के अशुभ प्रभावों को शांत किया जा सकता है।
🔹 शत्रुंजय हनुमत स्तोत्रम् एक ऐसा दिव्य मंत्र है, जिसे पढ़ने से सभी शत्रु, बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और जीवन में संघर्षों को सुलझाने के लिए क्रोध और आक्रामकता पर काबू पाने का आशीर्वाद प्राप्त करें।