🚩 बड़ा मंगल 2025, 13 मई से शुरू होगा — हनुमान जी की दिव्य शक्ति का लाभ उठाएँ
हर मंगलवार भगवान हनुमान को समर्पित होता है, लेकिन ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को खासतौर पर अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। इन दिनों को "बड़ा मंगल" या "बुढ़वा मंगल" कहा जाता है और यह सुरक्षा, बल और मनोकामनाओं की पूर्ति देने वाले माने जाते हैं। पंचांग के अनुसार, 2025 का पहला बड़ा मंगल 13 मई को पड़ रहा है। इस दिन, भक्त मंदिरों और घरों में संकट मोचन हनुमान जी की विशेष पूजा और अर्चना करेंगे।
✨ बड़ा मंगल इतना खास क्यों है?
रामायण के अनुसार, जब भगवान राम माता सीता की खोज में थे, तब हनुमान जी ने साधु के वेश में पहली बार ऋष्यमूक पर्वत के पास उनसे मुलाकात की थी। ऐसा माना जाता है कि यह दिव्य भेंट ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को हुई थी, जिससे हनुमान जी की भगवान राम के प्रति अटूट भक्ति की शुरुआत हुई। महाभारत में भी एक कथा है, जिसमें हनुमान जी ने एक बूढ़े बंदर का रूप लेकर भीम के घमंड को तोड़ा। जब भीम उनकी पूंछ तक नहीं हटा सके, तब उनकी शक्ति का घमंड टूटा और हनुमान जी ने उन्हें दर्शन देकर आशीर्वाद दिया। यह घटना भी ज्येष्ठ के मंगलवार को हुई थी ऐसा माना जाता है, जिससे इस दिन की महिमा और बढ़ जाती है।
🔱 आखिर हनुमान जी ने अहिरावण और महिरावण को कैसे हराया?
पुराणों के अनुसार, पाताल लोक के राक्षस तांत्रिक अहिरावण और महिरावण ने रावण के कहने पर भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण बलि चढ़ाने के लिए किया था। वानर सेना जादू से नींद में थी, लेकिन हनुमान जी जागते रहे और पाताल लोक की ओर चल पड़े। वहां उन्होंने देखा कि राक्षसों को मारने के लिए पाँच अलग-अलग दिशाओं में जल रहे दीपकों को एक साथ बुझाना होगा। हनुमान जी ने माँ काली का आह्वान किया, जिन्होंने उन्हें अपना पंचमुखी स्वरूप प्रदान किया। इस रूप में हनुमान जी ने एक साथ पाँच मुखों के द्वारा दीप बुझाए और राक्षसों का संहार किया।
🔥 हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप के पाँच मुख क्या दर्शाते हैं:
🔺 नरसिंह मुख: भय और अधर्म का नाश करने के लिए
🔺 गरुड़ मुख: तंत्र-मंत्र और नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करने के लिए
🔺 वराह मुख: जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए
🔺 हयग्रीव मुख: ज्ञान और रणनीति के प्रतीक रूप में
🔺 हनुमान मुख: भक्ति, साहस और बल का संयोग
माँ काली के आशीर्वाद से हनुमान जी ने अहिरावण और महिरावण का वध किया और भगवान राम व लक्ष्मण को सुरक्षित लौटाया। इस बड़े मंगल पर, यदि आप भी तंत्र-बाधाओं, भय और कठिन परिस्थितियों से मुक्ति चाहते हैं, तो श्री मंदिर के माध्यम से कालीघाट मंदिर में होने वाली पंचमुखी हनुमान और माँ काली पूजा में भाग लें।