वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब ग्रह अनुकूल होते हैं तो जीवन में सुख, शांति और उन्नति आती है, लेकिन जब शनि, मंगल, सूर्य, राहु या केतु जैसे ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं तो आर्थिक संकट, मानसिक तनाव और पारिवारिक समस्याएँ घेर लेती हैं। जैसे शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु दोष या मंगल दोष जीवन में रुकावटों और हानि का कारण बनते हैं। ऐसे में शास्त्रों में नवग्रह शांति पूजा, शनि तिल तेल अभिषेक और पाप ग्रह शांति यज्ञ को बेहद फलदायी उपाय माना गया है। विशेष रूप से शनिवार को यह पूजा करना बेहद शुभ है, क्योंकि यह दिन भगवान शनि को समर्पित होता है।
शनि को कर्म और न्याय का देवता माना जाता है, जो हमारे वर्तमान और पिछले कर्मों का फल देते हैं। अगर सच्चे मन से विधिवत उनकी पूजा की जाए तो वे दुखों से राहत, आत्मविश्वास और जीवन में सकारात्मक बदलाव का आशीर्वाद देते हैं। इसीलिए, शनिवार को उज्जैन के प्रसिद्ध श्री नवग्रह शनि मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन होने जा रहा है, जहां सभी नौ ग्रहों के दोषों से राहत की दिशा पाने हेतु शांति अनुष्ठान किए जाते हैं।
👉 इस पूजा में शामिल होंगे:
🔹 नवग्रह शांति पूजा - सभी नौ ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए की जाती है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता आती है।
🔹 शनि तिल-तेल अभिषेक - इसमें भगवान शनि को तिल और तेल चढ़ाया जाता है, माना जाता है कि इससे साढ़े साती और ढैय्या (शनि के चुनौतीपूर्ण चरणों) की कठिनाइयों से राहत मिल सकती है।
🔹 पाप ग्रह शांति यज्ञ - राहु और केतु जैसे हानिकारक ग्रहों को शांत करने के लिए किया जाने वाला एक पवित्र अग्नि अनुष्ठान, अचानक आने वाली बाधाओं, दुर्घटनाओं और दुर्भाग्य को दूर करने में मददगार माना गया है।
यदि आप अपने जीवन में ग्रहों की स्थिति के नकारात्मक प्रभाव का अनुभव कर रहे हैं, तो देर न करें।
🪔 श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और अपने जीवन में शांति और सकारात्मकता लाने के लिए भगवान शनि और नवग्रहों का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।