🙏🌺 इस पापांकुशा एकादशी पर माँ महालक्ष्मी के आशीर्वाद से सच्चे प्रेम के द्वार खोलने की प्रार्थना करें।
क्या आप विवाह में विलंब या उपयुक्त जीवनसाथी न मिलने की चिंता से परेशान हैं? अनेक भक्त इस पीड़ा से गुजरते हैं कि प्रार्थना करने के बावजूद उनका सुखी दांपत्य जीवन अधूरा रह जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ऐसे संघर्ष प्रायः पिछले कर्मों के प्रभाव या ग्रहों के असंतुलन से होते हैं, जो वैवाहिक जीवन में बाधाएँ उत्पन्न करते हैं।
वहीं शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी की उपासना के लिए विशेष माना जाता है। यह दिन शुक्र ग्रह से जुड़ा है, जो प्रेम, सौहार्द और समृद्धि का अधिपति है। भक्त मानते हैं कि इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से वे और भगवान विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं तथा परिवार में सुख, स्थिरता और वैवाहिक आनंद का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पूरे भारत में महिलाएँ शुक्रवार को विशेष लक्ष्मी व्रत करती हैं और अच्छे जीवनसाथी, परिवारिक शांति और घर में समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। जब यह दिन पापांकुशा एकादशी जैसी पावन तिथि से मिल जाता है, तो इसका प्रभाव और भी शुभ माना जाता है।
पुराणों के अनुसार, माँ लक्ष्मी समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से प्रकट हुईं और उसी क्षण भगवान विष्णु को अपना अनंत सहचर चुना। उनका यह दिव्य संयोग प्रेम, सम्मान और संतुलन से युक्त आदर्श विवाह का प्रतीक है। भक्त मानते हैं कि माँ लक्ष्मी की सच्ची भक्ति करने से विवाह और परिवारिक जीवन से जुड़ी कठिनाइयाँ दूर होती हैं और सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस विशेष पूजन में कोल्हापुर स्थित माँ शक्तिपीठ महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा 11,000 महालक्ष्मी मंत्रों का जाप किया जाएगा। इसके पश्चात हवन होगा, जिसमें माँ लक्ष्मी की कृपा पाने हेतु विशेष आहुतियाँ दी जाएँगी। इन अनुष्ठानों के माध्यम से भक्त विवाह में आने वाली अड़चनों की शांति, संबंधों में सामंजस्य और परिवारिक जीवन में आनंद की प्रार्थना करते हैं।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजन में सम्मिलित होकर माँ लक्ष्मी से सुख, समृद्धि और वैवाहिक आनंद की प्रार्थना करें।