नए वर्ष का पहला दिन हमारे जीवन में एक विशेष अवसर लेकर आता है। यह केवल एक तारीख नहीं, बल्कि हमारे नए संकल्पों, आशाओं और सकारात्मक ऊर्जा की शुरुआत का प्रतीक है। वैदिक परंपरा में ऐसा माना जाता है कि वर्ष के पहले दिन किए गए अनुष्ठान और पूजा का प्रभाव पूरे वर्ष पर पड़ता है। जब हम इस दिन अपने मन, कर्म और ऊर्जा को सही दिशा में समर्पित करते हैं, तो यह हमारे जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और मानसिक शांति लेकर आता है। नए साल की शुरुआत में दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करना इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यही वह समय है जब हमारे प्रयासों और इच्छाओं को ब्रह्मांडीय ऊर्जा का समर्थन मिलता है और जीवन में बाधाओं को कम किया जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, हमारे जीवन की सुख-शांति और सफलता ग्रहों की स्थिति से गहराई से जुड़ी होती है। जब सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरू, शुक्र, शनि, राहु और केतु अनुकूल स्थिति में होते हैं, तो जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन आता है। लेकिन जब ये ग्रह अशुभ स्थिति में हों, तो आर्थिक संकट, पारिवारिक उलझनें और मानसिक तनाव हमारे जीवन में परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं। शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु दोष या मंगल दोष जैसी कठिनाइयाँ हमारे प्रयासों को रोक सकती हैं और जीवन में अनिश्चितता ला सकती हैं। ऐसे समय में नवग्रह शांति अनुष्ठान जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा लाने का सर्वोत्तम उपाय बन जाता है। यह अनुष्ठान न केवल ग्रहों के दोषों को शांत करता है, बल्कि हमारे मन और हृदय को भी स्थिरता और आस्था से भर देता है।
इसीलिए नववर्ष के पहले दिन “9 ग्रह: संपूर्ण नवग्रह शांति के लिए 9,000 जाप” अनुष्ठान उज्जैन स्थित श्री नवग्रह शनि मंदिर में आयोजित किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में प्रत्येक ग्रह का विशेष आवाहन और मंत्रों के माध्यम से शांति-कर्म किया जाएगा। 9,000 मंत्र जाप के प्रभाव से नवग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने की कामना की जाएगी। शनि को कर्म और न्याय का देवता माना जाता है, जो हमारे वर्तमान और पिछले कर्मों का फल देते हैं। यदि उनकी पूजा सच्चे मन और श्रद्धा से की जाए, तो वे दुखों से मुक्ति, आत्मविश्वास और जीवन में सकारात्मक बदलाव का आशीर्वाद देते हैं।
इस प्रकार, नए वर्ष के पहले दिन इस महापूजा में भाग लेकर हम न केवल ग्रहों के दोषों से मुक्ति प्राप्त करते हैं, बल्कि अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और मानसिक शांति से भरते हैं। यह अवसर हमें याद दिलाता है कि सही मार्गदर्शन और दिव्य आशीर्वाद के साथ हर कठिनाई को पार किया जा सकता है और आने वाला वर्ष हमारे लिए खुशियों, सफलता और समृद्धि से पूर्ण हो सकता है।