क्या आपको लगता है कि पिछले साल की परेशानियां अभी भी मन पर बोझ बनी हुई हैं और नया साल आने से पहले ही चिंता बढ़ा रही हैं? यह 9-दिवसीय महाअनुष्ठान आपको वह दिव्य शांति देता है, जिससे आप 2026 में साफ, शुभ और बाधा-रहित रास्ते के साथ प्रवेश कर सकें। कई बार हम लगातार मुश्किलों में फँस जाते हैं—स्वास्थ्य की दिक्कतें, पैसों की समस्या, घर में तनाव—और दिल जानता है कि ये सामान्य परेशानियां नहीं हैं। शास्त्र बताते हैं कि हमारे जीवन पर नवग्रहों का गहरा असर होता है। जब ग्रह अनुकूल स्थिति में नहीं होते, तो ग्रह दोष पैदा होते हैं—भ्रम, देरी, रुकावटें और हार-जैसी भावना लाते हैं।
नया साल शुरू होने से पहले, इन नकारात्मक प्रभावों को हटाना और मन व किस्मत को शुद्ध करना बहुत ज़रूरी है। यही काम यह नौ-दिवसीय नवग्रह शांति जाप करता है—पूरे वर्ष को रीसेट करने जैसा।
प्राचीन ग्रंथों में लिखा है कि ये नौ ग्रह भगवान शिव के आदेश से हमारे कर्मों का फल देते हैं। एक सुंदर कथा में बताया गया है कि भगवान श्री राम ने भी बड़े कार्यों से पहले ग्रहों की शांति के लिए पूजा की थी। ग्रहों की कृपा माँगना कमजोरी नहीं, बल्कि ब्रह्मांड के नियमों को स्वीकार करने का संकेत है।
उज्जैन के शक्तिशाली नवग्रह शनि मंदिर में किए जा रहे इस 90,000 जाप के अनुष्ठान में नौ ग्रहों की शुभ ऊर्जा एकत्र होती है, ताकि नए साल में कोई भी अशुभ प्रभाव आपके जीवन में न आ सके।
इस अनुष्ठान में विशेषज्ञ पंडितों द्वारा हर दिन 10,000 जाप किए जाएंगे — कुल 9 दिन में 90,000 जाप पूरे होते हैं। आखिरी 3 दिन सबसे चुनौतीपूर्ण ग्रह—राहु, मंगल और विशेष रूप से भगवान शनिदेव के लिए किए जाते हैं, जिससे साल खत्म होने से पहले ही उनके अशुभ प्रभावों से बड़ी राहत मिलती है।
पौष शुक्ल तृतीया से शुरू होने वाला यह महापूजन केवल एक साधारण पूजा नहीं, बल्कि एक दिव्य घोषणा है:
कि आप अब पिछले बोझ छोड़कर, नए साल—2026—के लिए नवग्रहों की शुभ कृपा को अपने जीवन में आमंत्रित करने के लिए तैयार हैं। श्री मंदिर के माध्यम से की जाने वाली यह विशेष पूजा आपके जीवन में शांति, सुरक्षा और कठिनाइयों पर विजय का आशीर्वाद लाती है।