🕉️ इस पावन अवसर को न चूकें – कटरा तीर्थ क्षेत्र में हो रहा है पवित्र चंडी पूजा एवं हवन इस शुक्रवार✨🙏
यह शुभ शुक्रवार, जो देवी दुर्गा को समर्पित है, आपको आदि शक्ति से जुड़ने का दुर्लभ और आध्यात्मिक अवसर प्रदान करता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिव्य संयोग में किए गए अनुष्ठान गहरी नकारात्मकताओं, बाधाओं और अशुभ प्रभावों को दूर करने में सहायक होते हैं।
यह पवित्र अनुष्ठान हिमालय की गोद में स्थित कटरा तीर्थ क्षेत्र में आयोजित हो रहा है। यह प्राचीन तीर्थभूमि आदि शक्ति की दिव्य उपस्थिति से परिपूर्ण मानी जाती है और माँ दुर्गा एवं उनकी नौ शक्तियों के आशीर्वाद से सदैव आलोकित रहती है। यहाँ की शांति और शक्ति का वातावरण नवचंडी हवन के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
मार्कंडेय पुराण के अनुसार जब दैत्यों का अत्याचार बढ़ गया और समस्त ब्रह्मांड संकट में पड़ गया, तब सभी देवताओं की शक्तियाँ मिलकर एक परम स्त्री शक्ति का निर्माण हुआ। इस दिव्य प्रकाश से आदि शक्ति, माँ दुर्गा का प्राकट्य हुआ।
मानवता और सृष्टि की रक्षा हेतु माँ ने नौ स्वरूपों को धारण किया:
शैलपुत्री – शक्ति और स्थिरता
ब्रह्मचारिणी – तपस्या और भक्ति
चंद्रघंटा – साहस और पराक्रम
कूष्मांडा – सृजन और सकारात्मकता
स्कंदमाता – संरक्षण और ज्ञान
कात्यायनी – अन्याय का संहार
कालरात्रि – भय और अज्ञान का नाश
महागौरी – शांति और शुद्धि
सिद्धिदात्री – सिद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान
नवचंडी पूजा एवं हवन में माँ के इन नौ स्वरूपों की आराधना पवित्र मंत्रों, अग्नि हवन और दुर्गा सप्तशती (चंडी पाठ) के माध्यम से की जाती है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो माँ दुर्गा की महिषासुर, शुंभ-निशुंभ आदि असुरों पर विजय का वर्णन करते हैं। माना जाता है कि इस पाठ के श्रवण या पाठ से शक्ति का जागरण होता है, भीतर और बाहर दोनों स्तर पर।
यह दिव्य अनुष्ठान साधक को निम्न लाभ प्रदान करता है:
👉 नकारात्मकता, भय और अशुभ प्रभावों से मुक्ति
👉 शत्रुओं एवं बुरी नजर से रक्षा
👉 शारीरिक और मानसिक कष्टों से राहत
👉 शांति, स्पष्टता और सुख-समृद्धि की प्राप्ति
👉 दिव्य स्त्री ऊर्जा से गहरा जुड़ाव
श्री मंदिर द्वारा आयोजित यह पवित्र अनुष्ठान जम्मू-कश्मीर के शक्तिशाली कटरा तीर्थ क्षेत्र में संपन्न हो रहा है।