💫 सनातन धर्म में रविवार को सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। सूर्य को जीवनदाता के साथ-साथ समृद्धि, करियर और नेतृत्व की मजबूती प्रदान करने के लिए जाना जाता है। सूर्य देव की पूजा से भक्तों की समस्त समस्याएं शांत हो सकती हैं, करियर में रफ्तार मिल सकती है और नेतृत्व में धार का आशीष मिल सकता है। सूर्य आराधना में आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ सबसे फलदायी माना गया है।
सूर्य देव की पूजा और आशीर्वाद पाने के लिए 51 बार आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ बेहद प्रभावी माना गया है। यह स्तोत्र श्रीराम को उनके गुरु अगस्त्य मुनि ने दिया था, जिसमें सूर्य देव के 12 रूपों की महिमा का वर्णन किया गया है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से शारीरिक, मानसिक और आत्मिक मजबूती मिल सकती है। विद्वान मानते हैं कि आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के रास्ते खुलने लगते हैं। विशेष रूप से रविवार के दिन इसका पाठ करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और नेतृत्व जैसे क्षेत्रों में प्रसिद्धि और मान्यता के रास्ते खुल सकते हैं।
💫 इस रविवार सूर्य आराधना के साथ राहु-केतु शांति पूजा का आयोजन विशेष रूप से उनके लिए लाभकारी है, जिनके जीवन में राहु-केतु दोष से संबंधित समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। शतभिषा नक्षत्र में स्वामी राहु की शांति पूजा भक्तों को सभी क्षेत्रों में उन्नति की दिशा दिखाने की शक्ति रखती है। सूर्य की पूजा से जीवन में ऊर्जा और समृद्धि आती है, जबकि राहु-केतु शांति पूजा से व्यक्ति के जीवन में आ रही परेशानियाँ और विघ्नों का निवारण संभव है। यह पूजा विशेष रूप से राहु-केतु की स्थिति से प्रभावित व्यक्तियों के लिए बेहद पुण्यदायी मानी गई है।
जयपुर के गलता जी मंदिर में 51 आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ का आयोजन एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है। यह स्तोत्र सूर्य देव की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। सूर्य आराधना से व्यक्ति का जीवन और करियर, सूर्य की तरह तेजस्वी और प्रकाशमान हो सकता है। वहीं, शतभिषा नक्षत्र के दौरान राहु पैठाणी मंदिर में राहु-केतु शांति पूजा विशेष रूप से उनके लिए लाभकारी है, जिनके जीवन में राहु-केतु के दुष्प्रभाव हैं।
💫 श्री मंदिर द्वारा दो सिद्ध तीर्थों में आयोजित होने जा रही 51 आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ और राहु केतु शांति पूजा में भाग लें और राजनीतिक क्षेत्र में नेतृत्व की मजबूती का आशीर्वाद पाएं।