🙏 रुद्राभिषेक के साथ शतभिषा नक्षत्र में काल सर्प दोष शांति अनुष्ठान का शुभ अवसर
हिंदू कैंलेडर में सावन समापन के बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत होती है। भाद्रपद महीना त्योहारों से भरपूर रहता है, जिसमें जन्माष्टमी, अनंत चतुर्दशी जैसे त्योहार भक्तों के बीच धूमधाम से मनाए जाते हैं। त्योहारों के इस महीने में आराधना और अनुष्ठान भी भव्य हो जाते हैं, जिसके फल से भक्तों को जीवन में नए-नए अवसर मिलते हैं और उन्नति की दिशा मजबूत होती है। इस महीने के सोमवार को भगवान शिव के दो दिव्य तीर्थों में रुद्राभिषेक और काल सर्प दोष शांति पूजा होने जा रही है। यह उन भक्तों के लिए फलदायी हो सकती है, जो राहु-केतु दोष और मानसिक अशांति से परेशान हैं।
भगवान शिव के प्रिय अनुष्ठानों में रुद्राभिषेक को अहम स्थान दिया जाता है, जिसमें अनेकों सामग्रियों से उनका अभिषेक होता है और जीवन के कष्टों से राहत पाने की प्रार्थना जुड़ी होती है। वहीं, जब कुंडली में सभी ग्रह राहु-केतु के बीच में आ जाते हैं तो काल सर्प दोष पैदा होता है। इस दोष से पीड़ित इंसान को भय, अशांति और अजीब सपने घेर लेते हैं, जिससे राहत पाने के लिए राहु-केतु देव की संयुक्त आराधना का अवसर आ गया है। राहु के नक्षत्र शतभिषा में क्षिप्रा नदी के तट पर होने जा रहा यह अनुष्ठान इस महीने का सुनहरा अवसर है।
🕉️ त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग और रुद्राभिषेक की महिमा:
महाराष्ट्र स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक पूजा होने जा रही है, जो भक्तों को मानसिक शांति और सफलता की सही दिशा दिखा सकती है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके लिए माना जाता है कि त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश यहां एक साथ निवास करते हैं। यहां महादेव का प्रिय अनुष्ठान रुद्राभिषेक किया जाएगा, जो उन्हें प्रसन्न करने की सबसे असरदार विधियों में गिना जाता है। रुद्राभिषेक में जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल जैसे द्रव्यों के साथ महादेव का अभिषेक किया जाता है। पुराणों के अनुसार, लंकापति रावण ने भी तीनों लोक की शक्ति पाने और शिव जी को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक का सहारा लिया था।
🕉️ क्षिप्रा घाट पर काल सर्प दोष निवारण पूजा:
‘देवों के देव’ महादेव की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी का घाट अनेकों तरह के अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है। काल सर्प दोष के निवारण के लिए यहां राहु-केतु देव की पूजा को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है, क्योंकि दोनों ही शिव के अधीन माने जाते हैं। विशेष रूप से शतभिषा नक्षत्र, जो कि राहु ग्रह को समर्पित है, इस दिन की गई काल सर्प दोष शांति पूजा अत्यंत फलदायी हो सकती है। माना जाता है कि इस विशेष संयोग में उज्जैन स्थित क्षिप्रा नदी के तट पर काल सर्प दोष निवारण पूजा भक्तों को भय-शांति से राहत दिलाते हुए जीवन की नई दिशा दिखा सकती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव की कृपा का अनुभव करें। साथ ही नक्षत्र विशेष अनुष्ठान की शक्ति से काल सर्प दोष से राहत का आशीष पाएं।