🌑 क्या आप मानसिक अशांति और असफलताओं से परेशान हैं? सावन अमावस्या पर श्री नवग्रह शनि मंदिर और श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आयोजित विशेष शांति महायज्ञ से पाएं मानसिक स्थिरता और सफलता का आशीर्वाद 🔱🔥
सावन का महीना भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का समय माना जाता है। यह महीना न केवल भक्ति, तप और साधना का प्रतीक है, बल्कि आत्मिक शक्ति और शांति पाने का एक आध्यात्मिक अवसर भी है। इसी पवित्र महीने में आने वाली अमावस्या एक ऐसा विशेष संयोग लेकर आती है, जो साधना, मंत्र-जाप और विशेष अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। अमावस्या की रात्रि वैसे भी गहन साधना और आत्मिक शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है, लेकिन जब यह सावन जैसे शिवप्रधान महीने में आए, तो इसकी शक्ति और भी बढ़ जाती है। शास्त्रों के अनुसार, सभी ग्रह भगवान शिव के अधीन माने गए हैं, इसलिए सावन माह की अमावस्या को नवग्रह दोषों से राहत के लिए उपासना का यह सर्वोत्तम समय माना जाता है।
अमावस्या पर क्यों की जाती है नवग्रहों की पूजा 🌑🙏✨
मान्यता के अनुसार नौ ग्रहों को शांत करने के लिए अमावस्या का दिन सबसे अच्छा होता है। सनातन परंपरा के अनुसार, इस दिन नकारात्मक ऊर्जाएं अपने चरम पर होती हैं। इन्हें शांत करने और जीवन में सुरक्षा प्राप्त करने हेतु भक्त विशेष देवी-देवताओं की आराधना करते हैं। इसी उद्देश्य से श्री मंदिर द्वारा एक दिव्य अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दो मुख्य पूजा विधियां होंगी -
✨नवग्रह शांति महायज्ञ: यह पूजा नवग्रह की शांति के लिए की जाती है, महाकाल की नगरी उज्जैन के श्री नवग्रह मन्दिर में आयोजित इस पूजा में भाग लेने से साधक को मानसिक स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
✨त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग रुद्राभिषेक : भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आयोजित शिव रुद्राभिषेक में भाग लेने से साधक को सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य पूजा में भाग लें और मानसिक स्थिरता और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त करें।