🙏 सावन में रुद्राभिषेक के साथ स्वाति नक्षत्र में काल सर्प दोष शांति अनुष्ठान का शुभ अवसर
हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव भक्तों के लिए सबसे पवित्र और फलदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस महीने शिव जी की ऊर्जा और शक्ति चरम पर रहती है। भगवान शिव के प्रिय अनुष्ठानों में रुद्राभिषेक को अहम स्थान दिया जाता है, जिसमें अनेकों सामग्रियों से उनका अभिषेक होता है और जीवन के कष्टों से राहत पाने की प्रार्थना जुड़ी होती है। वहीं, जब कुंडली में सभी ग्रह राहु-केतु के बीच में आ जाते हैं तो काल सर्प दोष पैदा होता है। इस दोष से पीड़ित इंसान को भय, अशांति और अजीब सपने घेर लेते हैं, जिससे राहत पाने का अवसर आ गया है।
🕉️ त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग और रुद्राभिषेक की महिमा:
पुराणों में सावन और रुद्राभिषेक से जुड़ी एक कथा मिलती है, जो भगवान शिव के अमृत पीने से जुड़ी है। जब उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष को पीकर देवताओं और मानवता को बचाया था। सभी देवों ने मिलकर उन पर जल, धतूरे आदि चढ़ाए थे, ताकि उनका तेज शांत हो सके, तभी से सावन को शिव जी का समर्पित महीना माना जाता है। इस सावन महाराष्ट्र स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक पूजा होने जा रही है, जो भक्तों को मानसिक शांति और सफलता की सही दिशा दिखा सकती है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके लिए माना जाता है कि त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश यहां एक साथ निवास करते हैं।
🕉️ क्षिप्रा घाट पर काल सर्प दोष निवारण पूजा:
‘देवों के देव’ महादेव की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी का घाट अनेकों तरह के अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है। काल सर्प दोष के निवारण के लिए भगवान शिव की पूजा को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है, क्योंकि राहु और केतु दोनों ही शिव के अधीन माने जाते हैं। विशेष रूप से स्वाति नक्षत्र, जो कि राहु ग्रह को समर्पित है, इस दिन की गई काल सर्प दोष शांति पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इस विशेष संयोग में उज्जैन स्थित क्षिप्रा नदी के तट पर काल सर्प दोष निवारण पूजा भक्तों को भय-शांति से राहत दिलाते हुए जीवन की नई दिशा दिखा सकती है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और सावन में भगवान शिव की कृपा का अनुभव करें। साथ ही नक्षत्र विशेष अनुष्ठान की शक्ति से काल सर्प दोष से राहत का आशीष पाएं।