🌿 बांके बिहारी मंदिर से जुड़कर इस विशेष पूजन से वैवाहिक सौहार्द और रिश्तों में प्रेम की पुनः बहाली का दिव्य आशीर्वाद पाएं ✨
🌿 सावन पुत्रदा एकादशी: राधा-कृष्ण के चरणों में प्रेम, संतुलन प्राप्ति की कामना अर्पित करें 💫
मथुरा की पावन भूमि पर स्थित बांके बिहारी मंदिर वह स्थान है जहाँ राधा रानी और श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम की अनुभूति होती है। यह मंदिर केवल दर्शन का स्थान नहीं है, बल्कि प्रेम, भक्ति और आत्मीयता से जुड़ने का एक माध्यम माना जाता है। यहाँ की सेवा परंपरा में राधा-कृष्ण की युगल आराधना, संगीत और तुलसी सेवा को विशेष महत्व दिया गया है। ऐसा विश्वास है कि जो भी श्रद्धा से यहां प्रार्थना करता है, उसे अपने जीवन के रिश्तों में स्थिरता, सौम्यता और भावनात्मक संतुलन का अनुभव होता है। इन्हीं भावनाओं की अनुभूति के लिए एक विशेष अवसर श्री मंदिर के माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है, जहाँ भक्त अपने रिश्तों से जुड़ी परेशानियों और पारिवारिक उलझनों को सीधे बांके बिहारी जी के श्रीचरणों में अर्पित कर सकते हैं। यह आयोजन न केवल एक पारंपरिक अनुष्ठान है, बल्कि उन लोगों के लिए एक भावपूर्ण प्रार्थना का माध्यम भी है, जो अपने वैवाहिक जीवन में प्रेम, समझ और स्थिरता की कामना रखते हैं।
आज के समय में जब रिश्तों में संवाद की कमी, असमंजस और मानसिक दूरी बढ़ती जा रही है, तब एक सच्ची भावनात्मक प्रार्थना ही इन टूटते संबंधों को जोड़ने का रास्ता बन सकती है क्योंकि वैवाहिक जीवन में अस्थिरता, प्रेम की कमी या पारिवारिक क्लेश ये केवल बाहरी समस्याएं नहीं, बल्कि भीतर के असंतुलन का भी संकेत होती हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए, श्री मंदिर एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन कर रहा है जो राधा रानी और बांके बिहारी जी की सेवा और स्मरण को समर्पित है। यह आयोजन भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित एकादशी तिथि पर किया जाएगा, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन “1100 तुलसी पत्र अर्पण पूजन एवं राधा-कृष्ण युगल स्तुति पाठ” किया जाएगा। तुलसी पत्र भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं, और युगल स्तुति से मन को शांति तथा रिश्तों को सामंजस्य मिल सकता है। यह अनुष्ठान केवल एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक आत्मिक संवाद का माध्यम भी बन सकता है। जिसकी मदद श्रद्धालु अपने मन की बात प्रभु के चरणों में रख सकते हैं।
यदि आप भी इस एकादशी पर राधा-कृष्ण की कृपा और पारिवारिक सौहार्द की कामना करते हैं, तो श्री मंदिर के इस आयोजन से जुड़ना एक सुंदर और शांतिपूर्ण अवसर हो सकता है।