🌸✨ शारदीय नवरात्रि के चतुर्थी, पंचमी और षष्ठी को माँ लक्ष्मी की दिव्य आराधना से जीवन में स्थायी वित्तीय समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें 🙏
शारदीय नवरात्रि हिंदू परंपरा के सबसे प्रमुख और पावन पर्वों में से एक है। यह नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव न केवल माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की भक्ति का समय है, बल्कि जीवन में पवित्रता, सकारात्मकता और अनुशासन लाने का अवसर भी माना जाता है। परंपरागत रूप से नवरात्रि के नौ दिन तीन खंडों में विभाजित माने जाते हैं। पहले तीन दिन माँ काली की आराधना के होते हैं, जो जीवन से नकारात्मकता और बाधाओं को दूर करती हैं। मध्य के तीन दिन माँ लक्ष्मी की आराधना के लिए माने जाते हैं, जिनसे समृद्धि, संतुलन और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अंतिम तीन दिन माँ सरस्वती की साधना को समर्पित होते हैं, जो साधक को ज्ञान, विवेक और आध्यात्मिक उन्नति का वरदान देती हैं।
इसी परंपरा में चतुर्थी, पंचमी और षष्ठी विशेष रूप से माँ लक्ष्मी को समर्पित होते हैं। यही कारण है कि इन दिनों में लक्ष्मी पूजन का महत्व असाधारण माना जाता है। माँ लक्ष्मी केवल धन की अधिष्ठात्री नहीं हैं, बल्कि वे संतुलन, सौंदर्य, सद्भाव और "दैवी संपत्तियों" की भी प्रतीक हैं।
🌟 विशेष पूजा और अनुष्ठान
इस वर्ष शक्तिपीठ माँ महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर, कोल्हापुर में तीन दिवसीय विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सम्मिलित हैं:
51,000 लक्ष्मी मूल मंत्र जाप: 51,000 लक्ष्मी मूल मंत्र जाप भौतिक और आध्यात्मिक प्रकटियों को सशक्त करती है।
वैभव लक्ष्मी पूजा: माँ की कृपा से भक्ति, संतुलन और समृद्धि का आह्वान किया जायेगा।
स्वर्ण अभिषेक त्रिदिन पूजा: स्वर्ण स्नान समृद्धि और धनचेतना का अद्भुत प्रतीक है।
क्यों है यह समय अद्वितीय?
नवरात्रि की चतुर्थी से षष्ठी तक का समय माँ लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। यह चरण जीवन में सौभाग्य और वैभव को आकर्षित करने का विशेष अवसर होता है। विशेषकर पंचमी के दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो कार्तिकेय की माता हैं और पोषण तथा समृद्धि की प्रतिमूर्ति मानी जाती हैं। ऊर्जा क्रम के अनुसार, माँ काली की साधना (दिन 1–3) से बाधाएँ दूर होती हैं, माँ लक्ष्मी की साधना (दिन 4–6) से प्रचुरता और दैवी संपदा का संचार होता है, और माँ सरस्वती की साधना (दिन 7–9) से ज्ञान और विवेक का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दृष्टि से देखा जाए तो आपका यह तीन दिवसीय लक्ष्मी विशेष अनुष्ठान परंपरागत रूप से शुद्ध, आध्यात्मिक रूप से संतुलित और ऊर्जा की दृष्टि से पूर्णत: उपयुक्त समय पर आयोजित हो रहा है।
🌺 कोल्हापुर मंदिर का महत्व
कोल्हापुर स्थित माँ महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर, 51 शक्तिपीठों में एक विशिष्ट स्थान रखता है। इसे माँ लक्ष्मी की जागृत स्थली माना जाता है, जहाँ सच्चे मन और भक्ति से की गई पूजा का विशेष महत्व है। यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु माँ के दर्शन के लिए आते हैं और उनकी कृपा का अनुभव करते हैं। नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर का वातावरण और भी दिव्य और ऊर्जावान हो जाता है।
यदि आप भी इस शारदीय नवरात्रि पर माँ लक्ष्मी की विशेष आराधना का भाग बनना चाहते हैं, तो श्री मंदिर द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय अनुष्ठान से जुड़ें।
🙏 माँ अंबाबाई की कृपा से अपने जीवन में संतुलन, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करें।