🔱 सावन के शनिवार को शिव-शनि की कृपा पाने का महासंगम! 🌿🕉️✨
सावन हिन्दू पंचांग का एक अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक महीना है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन इस पावन मास में शनिदेव की आराधना का भी विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि शनिदेव स्वयं भगवान शिव के परम भक्त हैं और एक कथा के अनुसार, शनि देव की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें नवग्रहों में श्रेष्ठ स्थान प्रदान किया था। इसी कारण सावन में शनिदेव की पूजा करने से शिव कृपा के साथ-साथ शनि कृपा भी प्राप्त होती है। विशेष रूप से, सावन के शनिवार को श्रद्धा और नियमपूर्वक शनिदेव की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि तथा मानसिक शांति का वास होता है।
शनि पीड़ा के प्रभाव को कम करने का मिल सकता है आशीर्वाद 🔱🛕
सनातन धर्म में शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है, जो प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। जब शनि कृपा प्राप्त होती है, तो व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, सफलता और शांति का अनुभव होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़े साती तीन चरणों में कुल साढ़े सात वर्षों तक प्रभाव डालती है, जबकि शनि की महादशा 19 वर्षों तक जीवन को प्रभावित करती है। इन कालों में व्यक्ति को मानसिक अशांति, आर्थिक समस्याएं और सामाजिक अवरोधों का सामना करना पड़ सकता है। इन प्रभावों को कम करने हेतु शनि तिल तेल अभिषेक, शांति हवन और विशेष मंत्र जाप अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं। इसलिए सावन के शनिवार को उज्जैन के श्री नवग्रह मंदिर में शनिदेव को समर्पित विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर शनि के प्रभावों से राहत प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में सुख, स्थिरता तथा सफलता का अनुभव कर सकते हैं।