क्या जीवन में रुकावटें और परेशानियाँ खत्म नहीं हो रहीं? 🤔
क्या शनि की साढ़े साती या महादशा बनी हुई है आपके जीवन में बाधाओं का कारण? इन समस्याओं से राहत पाने के लिए शनिवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में शनिवार को शनिदेव की उपासना का विशेष महत्व है। यह दिन शनि की कृपा प्राप्त करने और उनके कुप्रभावों को शांत करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार को श्रद्धा और नियमपूर्वक की गई पूजा, तिल के तेल से अभिषेक और विशेष शांति अनुष्ठान शनिदेव को प्रसन्न करते हैं।
वे न्याय के देवता हैं और हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। जब उनकी कृपा प्राप्त होती है, तो जीवन में स्थिरता, सफलता और मानसिक शांति का अनुभव होता है। शनिवार को विशेष पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा, मानसिक अस्थिरता और कार्यों में आ रही बाधाओं से राहत मिलती है। इस दिन तिल का तेल, काले तिल, काले वस्त्र और नीले पुष्प अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
🔹 शनि की साढ़े साती और महादशा का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़े साती तीन चरणों में साढ़े सात वर्षों तक चलती है, जबकि शनि की महादशा 19 वर्षों तक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। इन अवधियों में व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक संकट और सामाजिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इन प्रभावों को कम करने के लिए शनि तिल तेल अभिषेक, शांति हवन और विशेष मंत्र जाप जैसे उपाय अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं।
इसलिए इस शनिवार, उज्जैन के श्री नवग्रह मंदिर में शनिदेव को समर्पित विशेष पूजा और अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इन पूजा विधियों में भाग लेकर शनि के प्रभावों से राहत प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में सुख, स्थिरता तथा सफलता का अनुभव कर सकते हैं।