8वीं महाविद्या माँ बगलामुखी के आशीर्वाद हेतु 8 प्रहर ⏳, 8 ब्राह्मण 🙏 और 16 विधियों द्वारा संपन्न दिव्य अनुष्ठान का भागी बनें ✨
सबसे शक्तिशाली अनुष्ठान से करें आप भी मां बगलामुखी की कृपा का आह्वान 🙏✨
दस महाविद्याओं में आठवीं देवी के रूप में पूजनीय मां बगलामुखी की शक्ति और ऊर्जा का आह्वान हर भक्त अपने जीवन में करता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मां शत्रुओं की चालों और वार को निष्क्रिय करके अपने भक्तों की हर समस्या और विपत्ति से रक्षा करती हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त विशेष रूप से मां बगलामुखी जयंती पर श्रद्धा और भक्ति से मां की आराधना करता है, वह मां के आशीर्वाद से विजयश्री, साहस और अदम्य शक्ति की प्राप्ति करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सतयुग में जब पृथ्वी पर मदन नामक असुर ने आतंक मचाया था, तब भगवान विष्णु समाधान जानने के लिए भगवान शिव के पास पहुँचे।
भगवान शिव ने बताया कि इस संकट का समाधान केवल आदिशक्ति कर सकती हैं। भगवान विष्णु ने घोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर श्रीविद्या ने मां बगलामुखी के रूप में अवतार लिया और असुर का संहार कर संपूर्ण सृष्टि की रक्षा की। तभी से मां बगलामुखी जयंती को विशेष रूप से देवी की साधना के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी अवसर माना जाता है। मां बगलामुखी को शत्रु बाधा, संकट निवारण और दैवीय सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां की आराधना से नजर दोष, शत्रु बाधा, कानूनी मामलों में विजय, वाणी में प्रभाव, मन में स्थिरता और जीवन में संपूर्ण विजय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इसीलिए मां बगलामुखी जयंती के शुभ अवसर पर उज्जैन के प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर में एक भव्य और शक्तिशाली अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, जो आठ ब्राह्मणों द्वारा संपन्न किया जाएगा। इस विशिष्ट अनुष्ठान में आठ प्रहरों में प्रत्येक प्रहर मां बगलामुखी के 1000 मूल मंत्रों का जाप किया जाएगा, जिससे कुल 8000 मंत्रों का जाप पूर्ण होगा। इस अनुष्ठान में 8 अंक का विशेष ध्यान रखा गया है क्योंकि मां बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं देवी मानी जाती हैं, इसलिए इस संख्या को अत्यंत शुभ माना गया है। अनुष्ठान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए मां को षोडशोपचार अभिषेक द्वारा पूजित किया जाएगा।
षोडशोपचार पूजन में भगवान का ध्यान कर उन्हें आमंत्रित करना, आसन अर्पित करना, पाद्य स्नान कराना, आचमन द्वारा शुद्धि करना और पंचामृत से स्नान मंत्र पुष्पांजलि देना और परिक्रमा-नमस्कार जैसी 16 विधियां शामिल है। माना जाता है कि इस विधिपूर्वक पूजन से देवी अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस अनुष्ठान में मां पीताम्बरा हवन भी विशेष रूप से किया जाएगा, जिससे साधना की शक्ति और अधिक बढ़ जाती है। इस पवित्र आयोजन को उज्जैन के प्रतिष्ठित मां बगलामुखी मंदिर में संपन्न कराया जा रहा है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस महान अनुष्ठान में भाग लेकर मां बगलामुखी की विशेष कृपा और जीवन में अद्भुत विजय, सुरक्षा तथा समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।