🛕गुप्त नवरात्रि पर ही शक्ति-समृद्धि 5 महाविद्या महायज्ञ अनुष्ठान क्यों? 🛕
गुप्त नवरात्रि, जो आषाढ़ मास की प्रतिपदा से आरंभ होती है, सनातन धर्म का एक रहस्यमय और शक्तिशाली पर्व माना जाता है। यह सामान्य नवरात्रि से हटकर है लेकिन इसमें किए गए अनुष्ठान अनेकों पूजा का फल देने वाले होते हैं। इस विशेष नवरात्रि में देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं के गूढ़ और तांत्रिक रूपों की पूजा की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि इस काल में देवी की चेतना अत्यंत सक्रिय होती है, जिससे साधकों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं और उन्हें संकटों, मानसिक तनाव, शत्रु बाधाओं व आध्यात्मिक अवरोधों से मुक्ति मिलती है। यह पर्व केवल भक्ति का नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और साधना में सिद्धि का श्रेष्ठ अवसर है। तांत्रिक साधक से लेकर सामान्य गृहस्थ भक्त भी इस काल में देवी की विशेष कृपा के लिए उपासना करते हैं।
श्री मंदिर द्वारा शक्तिपीठ कालीघाट में पंच महाविद्या अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मां काली, मां तारा, मां षोडशी, मां भुवनेश्वरी और मां बगलामुखी की शक्ति-साधना के माध्यम से भक्त, शत्रु बाधाओं से सुरक्षा और जीवन में समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
👉माँ काली समय, शक्ति और विनाश की देवी मानी जाती हैं। वे जीवन की कठिनाइयों को समाप्त करती हैं और अपने भक्तों को निडरता एवं नवचेतना का आशीर्वाद देती हैं।
👉 माँ तारा तांत्रिक साधना की प्रमुख देवी हैं। वे अपने भक्तों को मार्गदर्शन, करुणा और आत्मज्ञान प्रदान करती हैं, जिससे वे जीवन के कठिन समय को पार कर पाते हैं।
👉 माँ षोडशी, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है, सौंदर्य, संतुलन और दिव्यता का प्रतीक हैं। उनकी उपासना से जीवन में आकर्षण, संतुलन और आत्मिक पूर्णता आती है।
👉 माँ भुवनेश्वरी को सृजन और समृद्धि की देवी माना जाता है। वे अपने भक्तों को विकास, पोषण और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
👉 माँ बगलामुखी नियंत्रण, विजय और सुरक्षा की अधिष्ठात्री देवी हैं। वे अपने भक्तों को शत्रु बाधा, वाद-विवाद और हर प्रकार की विपत्ति से विजयी बनाकर रक्षा करती हैं।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा 5 महाविद्या अनुष्ठान में भाग लें और इन पांच महाविद्याओं- मां काली, मां तारा, मां षोडशी, मां भुवनेश्वरी और मां बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त करें 🙏😇