🙏 नकारात्मक शक्तियों से हो रही हार से हैं परेशान? गुप्त नवरात्रि के आगमन पर 10 महाविद्या पूजा एवं तंत्र युक्त यज्ञ में भाग लें 🙏
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष से गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। मान्यता है कि इन नौ दिनों में दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना की जाती है, इसलिए इस पर्व को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि के दिव्य काल में नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों के दुष्परिणामों से निपटने के लिए 10 महाविद्याओं को प्रसन्न करने का पावन अवसर है। इस पूजा एवं तंत्र युक्त यज्ञ से आराधक को विजय और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
🛕 गुप्त नवरात्रि पर दस महाविद्याओं की साधना ही क्यों? देवी के स्वरूपों की क्या है पौराणिक मान्यता?🛕
दस महाविद्या हिंदू धर्म में देवी दुर्गा के दस शक्तिशाली रूप हैं। ये महाविद्याएं गुप्त नवरात्रि में सिद्ध फलदायी हैं:
⭐ काली: काली देवी दुर्गा का सबसे शक्तिशाली रूप है, जो समय और परिवर्तन की देवी हैं।
⭐ तारा: तारा देवी दुर्गा का एक रूप है, जो ज्ञान और मोक्ष की देवी हैं।
⭐त्रिपुरसुंदरी: त्रिपुरसुंदरी देवी दुर्गा का ही रूप है, जो सौंदर्य और आकर्षण की देवी हैं।
⭐भुवनेश्वरी: भुवनेश्वरी देवी दुर्गा का एक रूप है, जो संसार की देवी हैं।
⭐ छिन्नमस्ता: छिन्नमस्ता देवी दुर्गा का रूप है, जो आत्म-बलिदान और त्याग की देवी हैं।
⭐ भैरवी: भैरवी देवी दुर्गा का एक रूप है, जो मृत्यु और परिवर्तन की देवी हैं।
⭐ धूमावती: धूमावती देवी दुर्गा का एक रूप है, जो विधवा और वृद्धावस्था की देवी हैं।
⭐ बगलामुखी: बगलामुखी देवी दुर्गा का रूप है, जो शत्रुनाश और विजय प्राप्त करने की देवी हैं।
⭐ मातंगी: मातंगी देवी दुर्गा का स्वरूप है, जो संगीत और कला की देवी हैं।
⭐ कमला: कमला देवी दुर्गा का एक रूप है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं।
श्री मंदिर के माध्यम से गुप्त नवरात्रि के आरंभ में आयोजित होने जा रही शक्तिपीठ कालीघाट विशेष 10 महाविद्या पूजा एवं तंत्र युक्त यज्ञ में भाग लें और विजय का चमत्कारिक आशीर्वाद प्राप्त करें।