✨ वर्ष 2026 की शुरुआत के साथ ही दूसरा दिन शुक्रवार है जोकि हिंदू धर्म में देवी उपासना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार को महालक्ष्मी और धन समृद्धि हवन करने से घर और परिवार के वातावरण में सुख, शांति और समृद्धि से जुड़ा भाव प्रबल होता है। इस दिन देवी की आराधना धन, ऐश्वर्य और स्थिरता की कामना से जोड़ी जाती है। वर्ष 2026 में 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप का यह विशेष अवसर जीवन में संतुलन, सकारात्मकता और नए आरंभ की भावना को जाग्रत करने वाला माना गया है।
💰 सनातन धर्म में माता लक्ष्मी को धन और शांति की अधिष्ठात्री देवी माना गया है और शुक्रवार का दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की विधिवत उपासना के लिए समर्पित बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन विद्वान पंडितों द्वारा की गई माता लक्ष्मी की पूजा से भक्तों को धन, संपत्ति और पुराने आर्थिक बोझ से जुड़ी चिंताओं में शांति का अनुभव होता है। जब यह पूजा शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में की जाती है, तो इसका आध्यात्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना गया है, और इसकी पावनता का उल्लेख इस रूप में किया जाता है कि सूर्य देव स्वयं वर्ष में तीन बार मां महालक्ष्मी को नमन करने आते हैं।
💰 शास्त्रों के अनुसार, शुक्रवार के दिन इस मंदिर में उपासना करने वाले भक्तों के जीवन में धन से जुड़ी चिंताओं का भाव कम होने की बात कही गई है। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप और धन समृद्धि हवन को विशेष रूप से शुभ माना गया है। ऐसी धारणा है कि शुक्रवार के दिन महालक्ष्मी मंत्र का जाप करने से साधक के जीवन में आर्थिक बाधाओं को समझने और उनसे उबरने की शक्ति का विकास होता है।
💰 यह भी माना जाता है कि यदि मां लक्ष्मी के इस स्वरूप की विधिवत पूजा और हवन किया जाए, तो दरिद्रता का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है और जीवन में समृद्धि का भाव प्रवेश करता है। इसी कारण इस माह शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में आयोजित 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप और धन समृद्धि हवन को एक विशेष अवसर के रूप में देखा जा रहा है। यह महापूजा जीवन में धन, संतुलन और मानसिक शांति से जुड़ी संभावनाओं को सशक्त करने से जोड़ी जाती है, जो एक सुखमय जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
🙏 शुक्रवार के इस पावन अवसर पर श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र अनुष्ठान में सहभागी बनें और मां लक्ष्मी के चरणों में अपने जीवन की सुख, शांति, समृद्धि और संतुलन से जुड़ी प्रार्थनाएँ श्रद्धा भाव से अर्पित करें।