🔥 हिंदू धर्म में रेवती नक्षत्र के दौरान बुध की आराधना का विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि वह इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह हैं। बुध को बुद्धि, वाणी और शैक्षिक सफलता का कारक ग्रह माना गया है। जब रेवती नक्षत्र की पवित्र ऊर्जा के साथ बुध की आराधना की जाती है तो भक्तों को वाणी की मधुरता, विचारों की स्पष्टता और शिक्षा-व्यापार में सफलता की दिशा मिल सकती है। इस दिन विशेष रूप से 16 हजार बुध मूल मंत्र जाप और दशांश हवन की मान्यता है, जो विद्यार्थियों, व्यापारी वर्ग और बौद्धिक कामों से जुड़े लोगों को एक नई दिशा दिखा सकता है।
🔥 बुध ग्रह को विद्या, वाणी, तर्क शक्ति और व्यापार का स्वामी माना गया है। 16,000 बार बुध मूल मंत्र का जाप करने से जीवन में बुद्धि, चातुर्य और संवाद कौशल मजबूत होता है। यह जाप बुध दोष या अशुभ स्थिति को शांत कर शिक्षा, करियर और व्यापार में सफलता का मार्ग मजबूत कर सकता है। इस आराधना में हरे वस्त्र, मूंग, दुर्वा और तुलसी जैसे द्रव्य भी बुध ग्रह के पूजन में शामिल रहते हैं। विद्वान पुरोहितों द्वारा यह मंत्र जाप, भक्तों को मानसिक शांति, तर्कशक्ति की दृढ़ता और जीवन के निर्णयों में सही दिशा प्रदान करने की शक्ति रखता है।
🔥 इस अनुष्ठान में शामिल बुध ग्रह के लिए दशांश हवन एक अत्यंत प्रभावशाली वैदिक अनुष्ठान है। इसमें किए गए मंत्र-जाप के दशमांश भाग का हवन के रूप में आह्वान किया जाता है। मान्यता है कि जब विद्वान ब्रह्मण आपके नाम-गोत्र के साथ दशांश हवन करते हैं तो बुध दोष शांत होते हैं और शिक्षा, करियर और व्यापार से जुड़ी रुकावटें दूर होनी शुरू हो जाती हैं।
🔥 विद्वानों का विश्वास है कि नवग्रह शनि मंदिर में रेवती नक्षत्र के दौरान बुध आराधना करना अत्यंत फलदायी है। यहां सभी ग्रहों के साथ बुध देव की विशेष पूजा की मान्यता है। बुध ग्रह भक्तों को बुद्धि, वाणी और व्यापार में रफ्तार का आशीर्वाद देते हैं। नवग्रह मंदिर में सामूहिक रूप से किए गए इस पूजन से ग्रह दोष शांत हो सकते हैं और भक्तों को वाणी की स्पष्टता, शैक्षिक सफलता और मानसिक मजबूती की दिशा मिलती है। कहते हैं कि यह आराधना विशेषकर विद्यार्थियों और बौद्धिक कामों में हाथ आजमा रहे लोगों का जीवन पूरी तरह बदल सकती है।
🛕 श्री मंदिर द्वारा 16000 बुध मूल मंत्र जाप एवं दशांश हवन में घर बैठे भाग लें और शैक्षिक सफलता के साथ बौद्धिक विकास का दिव्य आशीर्वाद पाएं