🔱 जब सब कुछ जगह पर होता है, लेकिन समय फिर भी साथ नहीं देता, तो मूलांक 7 वालों के लिए केवल भगवान भैरव ही सफलता का रास्ता दिखा सकते हैं।
माना जाता है कि किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को जन्म लेने वालों का मूलांक 7 होता है। इस अंक का स्वामी केतु ग्रह है, जो एक रहस्यमय और आध्यात्मिक छाया ग्रह माना जाता है। केतु जहां आत्म-चिंतन, अंतर्ज्ञान और गहराई देता है, वहीं यह देरी, निर्णय लेने में भ्रम और काम में रुकावट भी पैदा करता है। मूलांक 7 वाले लोग मेहनती और संवेदनशील होते हैं, लेकिन अनिर्णय या बार-बार काम टलने के कारण मानसिक थकान और निराशा महसूस कर सकते हैं। कई बार जीवन ऐसा लगता है मानो कोई अदृश्य शक्ति बार-बार रास्ता रोक रही हो।
ऐसे समय में भगवान काल भैरव की पूजा को खास रूप से प्रभावी माना जाता है। काल भैरव, भगवान शिव का उग्र रूप हैं और समय के स्वामी माने जाते हैं। जब समय और काम रुके हुए लगते हैं, तो भैरव की कृपा से गति और स्पष्टता आती है। ज्योतिष के अनुसार, काल भैरव का आशीर्वाद केतु के कारण आने वाली मानसिक उलझन और देरी को कम करने में मदद करता है। उनकी पूजा से आंतरिक शक्ति, साफ सोच और समय के साथ तालमेल बनाकर काम करने की क्षमता मिलती है।
इसी दिव्य कृपा को पाने के लिए श्री मंदिर मूलांक 7 भैरव पूजा का आयोजन कर रहा है। यह विशेष अनुष्ठान केतु के प्रभाव को शांत करने और भैरव देव की कृपा पाने का सशक्त माध्यम है। यह पूजा खासतौर पर उनके लिए लाभकारी है जो लंबे समय से अनिर्णय में फंसे हैं, जिनके काम बार-बार रुक रहे हैं, या जो आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन उनका रास्ता अटका हुआ है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में शामिल होकर अपने रुके हुए जीवन को नई गति और स्पष्टता की ओर ले जा सकते हैं।