🪷 पितृ पक्ष के सोमवार को त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक - पाएं बेहतर स्वास्थ्य का आशीर्वाद
शास्त्रों में पितृ पक्ष के सोमवार पर किया गया त्र्यंबकेश्वर रुद्राभिषेक बेहद पुण्यदायी और फलदायी माना गया है। महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग को पितृ दोष निवारण और मोक्ष प्रदान करने के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध माना जाता है। मान्यता है कि इस पावन स्थल पर भगवान शिव के रुद्र स्वरूप की पूजा और अभिषेक करने से पितरों की आत्मा को शांति की दिशा मिलती है। इस अनुष्ठान से पूर्वजों का आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है। इस अनुष्ठान में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा पवित्र मंत्रों के उच्चारण के साथ दूध, जल, मधु, पंचामृत और बेलपत्र से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है।
🌟 पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति और मोक्ष के लिए बेहद पवित्र समय है। यह काल भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक 16 दिनों तक चलता है। मान्यता है कि इस अवधि में पितृ लोक के द्वार खुले रहते हैं और पितरों की आत्माएं पृथ्वी पर अपने वंशजों का तर्पण स्वीकार करने आती हैं। पितृ पक्ष में किए गए रुद्राभिषेक, श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और अन्न सेवा जैसे अनुष्ठानों से पितरों की आत्मा को गति मिलती है। जब इन अनुष्ठानों में 11 ब्राह्मण अन्न सेवा जुड़ती है तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है।
🕛 यह अनुष्ठान त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में होने जा रहा है, जो नासिक में गोदावरी नदी के तट पर स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र तीर्थ है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव ने त्र्यंबक रूप में अवतार लिया था, जहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों शक्तियां एक साथ विराजमान हैं। यह स्थान पितृ दोष निवारण और मोक्ष प्राप्ति के अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना गया है। यहां किए गए रुद्राभिषेक और 11 ब्राह्मण अन्न सेवा से अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की बाधाएं शांत होती हैं। त्र्यंबकेश्वर की महिमा का वर्णन शिवपुराण में विस्तार से किया गया है और इसे एक बड़ा मोक्ष स्थल माना गया है।
🍃 श्राद्ध में 11 ब्राह्मण अन्न सेवा का विशेष महत्व बताया गया है। पितृ पक्ष या श्राद्ध कर्म के दौरान इस अनुष्ठान के माध्यम से ब्राह्मणों को आदरपूर्वक भोजन कराना, वस्त्र, दक्षिणा और आवश्यक सामग्री दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, 11 ब्राह्मणों को अन्न दान करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और परिवार को बेहतर स्वास्थ्य की दिशा और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान का हिस्सा बनें और जीवन में अच्छे स्वास्थ्य और बुरी नज़र, नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष पाएं।