❓ जीवन की अनिश्चितताओं के बीच खोया हुआ महसूस कर रहे हैं? इस श्राद्ध पूर्णिमा पर गुरु की कृपा का अनुभव करें
कभी-कभी जीवन एक भूलभुलैया जैसा लगता है जब निर्णय स्पष्ट नहीं लगते, मन में भ्रम होता है, और नकारात्मक ऊर्जा हमें पीछे खींचती है। ऐसे समय में हमें सिर्फ समाधान ही नहीं, बल्कि सही मार्गदर्शन की आवश्यकता भी होती है ऐसा मार्गदर्शन जो मन में शांति, विश्वास और दिशा लाए। इस मार्गदर्शन का प्रतीक हैं भगवान दत्तात्रेय, शाश्वत गुरु, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त ज्ञान के स्वरूप माने जाते हैं। कहते हैं कि उनकी उपस्थिति जीवन के भ्रम को दूर करती है, नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा देती है और हमें आध्यात्मिक स्थिरता की ओर ले जाती है।
इसी कृपा के आह्वान के लिए 7 सितंबर 2025 (रविवार), भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा को, ज्ञान और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा की इच्छा रखने वालों के लिए एक पवित्र अनुष्ठान दत्तात्रेय मूल मंत्र जाप और महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है। विशेषकर श्राद्ध पूर्णिमा का दिन इस अनुष्ठान के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय की पूजा के साथ यह अनुष्ठान एक सकारात्मक ऊर्जा का क्षेत्र बनाता है, जो जीवन में शांति, मानसिक स्पष्टता और समृद्धि को आमंत्रित कर सकता है।
यह अनुष्ठान काशी के प्रसिद्ध श्री दत्तात्रेय मंदिर में होगा, जहाँ माना जाता है कि परम गुरु ने ध्यान किया था। पवित्र गंगा के प्रवाह और मंदिर की दिव्य ऊर्जा के बीच दत्तात्रेय मूल मंत्र का जाप और महायज्ञ किया जाएगा। यह महायज्ञ जीवन में नकारात्मक प्रभावों को शुद्ध करता है और ऊर्जा, ज्ञान तथा आध्यात्मिक प्रकाश से भर सकता है।
श्राद्ध पूर्णिमा पर इस पूजा में भाग लेना सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं है यह परम गुरु के साथ एकात्मता का अनुभव है, अहंकार को छोड़ने और जीवन के अंधकार पर विजय पाने का अवसर है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से, आप इस विशेष अनुष्ठान में शामिल होकर गुरु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में स्पष्टता, सुरक्षा, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं।