कई बार जीवन में एक के बाद एक ऐसी परेशानियां घेर लेती हैं, जिनका समाधान दूर-दूर तक नज़र नहीं आता और उनकी वजह क्या है, यह भी हम पता नहीं लगा पाते। काम में लगतार रुकावटें, मेहनत के बावजूद सफलता में देरी और दुर्भाग्य का साया इंसान को अंदर से कमजोर करने लगता है। काफी जतन के बाद पता चलता है कि यह काल सर्प (नाग) या पितृ दोष के कारक हो सकते हैं। यदि आप भी जीवन में ऐसा महसूस कर रहे हैं तो समस्या के समाधान पर ध्यान देने का सही समय आ गया है।
सर्प (नाग) दोष पीड़ा से राहत का आशीर्वाद देने वाला नागबली अनुष्ठान कर्नाटक के गोकर्ण में आयोजित होता है। यह दिव्य पूजा अश्लेषा नक्षत्र में विधि-विधान के साथ विद्वान ब्राह्मणों द्वारा कराई जाती है। हिंदू ज्योतिष में अश्लेषा एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है, जो जीवन में भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई को दर्शाता है। अश्लेषा नक्षत्र के स्वामी नाग देवता हैं, जो जीवन में शक्ति और ऊर्जा का संतुलन स्थापित करते हैं।
🛕 सनातन धर्म में नागबली पूजा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो नाग देवता की पूजा और आराधना के लिए किया जाता है। यह पूजा आराधक को धन के नुकसान, रिश्तों में दरार, हर काम में असफलता जैसे कष्टों से बचाने में मदद कर सकती है:
नाग देवता की दृष्टि: नागबली पूजा करने से नाग देवता की रुकी हुई कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति का वास होता है।
नकारात्मकता: नागबली पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश संभव है और व्यक्ति के जीवन में भरपूर सकारात्मकता आनी शुरू हो जाती है।
पितृ दोष: नागबली पूजा से पितृ दोष का निवारण होता है और व्यक्ति के परिवार में सुख और शांति बढ़ सकती है। साथ ही पूर्वजों का रुका हुआ आशीर्वाद मिलना शुरू हो जाता है।
नाग दोष: नागबली पूजा करने से कुंडली में नाग दोष का निवारण होता है और व्यक्ति के पूर्व कर्मों में सुधार होता है, साथ ही सुखद फल की प्राप्ति संभव है।
गोकर्ण में होने जा रही नागबली पूजा को अश्लेषा नक्षत्र में संपन्न कराया जाएगा, जिससे इस पूजा का फल कई गुना बढ़ने की मान्यता है। काल सर्प दोष या पितृ दोष से पीड़ित लोगों के लिए यह विशेष अवसर है, जो उन्हें जीवन में कार्मिक पापों के विपरीत फलों से सुरक्षा का आशीर्वाद दिला सकता है।
श्री मंदिर के माध्यम से ‘दक्षिण के काशी’ गोकर्ण में होने जा रही अश्लेषा नागबली पूजा में भाग लें और विशेष नक्षत्र के चमत्कारिक फल से पापों के चक्र से राहत का आशीर्वाद पाएं।