✨ धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दिवाली के शुभ दिनों में 3 शक्तिपीठों की शक्ति के साथ विशेष अनुष्ठान होने जा रहा है, जो इस साल का सुनहरा अवसर है। 3 दिवसीय इस अनुष्ठान में मां ललिता, मां काली और मां लक्ष्मी का अनुष्ठान भक्तों के जीवन में धन, समृद्धि और पारिवारिक सुरक्षा-खुशहाली के द्वार खोल सकता है। शास्त्रों के अनुसार, इन तीनों दिनों की संयुक्त साधना से नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट होती हैं और घर में समृद्धि, सौभाग्य के साथ शांति और सामंजस्य को बढ़ावा मिलता है। दीपों की ज्योति और मंत्रों के साथ यह 3 दिवसीय 24 प्रहर पूजा धन लाभ और जीवन में नए बदलावों की दिशा दिखा सकती है।
🪔 3 दिन, 3 शक्तिपीठ और 24 प्रहर:
धनतेरस: धनतेरस के शुभ अवसर पर कालीघाट शक्तिपीठ में मां काली की विशेष पूजा संपन्न होगी। मां काली की आराधना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सौभाग्य, धन और आत्मबल की दिशा मिलती है। यह अनुष्ठान दिवाली की शुभ शुरुआत मानी जाती है।
नरक चतुर्दशी: नरक चतुर्दशी पर मां ललिता त्रिपुरसुंदरी की पूजा से जीवन के सभी दोषों और नकारात्मक ऊर्जाओं का शुद्धिकरण संभव है। मां ललिता की कृपा से सौंदर्य, समृद्धि और आत्मिक तेज आशीष मिलता है।
यह पूजा दिवाली से पहले आत्मा के उजाले का प्रतीक मानी गई है।
दीपावली: दिवाली पर महालक्ष्मी अंबाबाई शक्तिपीठ में मां लक्ष्मी की विशेष राजोपचार पूजा संपन्न की जाती है। मान्यता है कि दिव्य काल में की गई इस आराधना से घर में धन, सौभाग्य और सुख-समृद्धि का वास होता है।
दीयों की ज्योति और मंत्रों के संग यह पूजा जीवन में नई रोशनी और मंगल की ऊर्जा लाती है।
🪔 एक दिन में 8 प्रहर होते हैं, इसलिए 3 दिन 24 प्रहर में आयोजित यह दिवाली महाशक्ति अनुष्ठान एक दुर्लभ साधना है, जिसमें दिन-रात निरंतर मां लक्ष्मी, मां काली और मां ललिता त्रिपुरसुंदरी की आराधना की जाती है। इस अखंड अनुष्ठान में दीप, मंत्र और यज्ञ की दिव्य ऊर्जा से संपूर्ण वातावरण आलोकित होता है। माना जाता है कि इस साधना से जीवन के अंधकार, दरिद्रता और विघ्नों का नाश संभव है और भक्तों को धन, सौभाग्य और आध्यात्मिक शांति का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
✨ श्री मंदिर द्वारा आयोजित होने जा रहे 3 दिवसीय शक्तिपीठ महायज्ञ - 24 प्रहर दिवाली महाशक्ति अनुष्ठान में भाग लें और नकारात्मकता से रक्षा और स्थायी समृद्धि का आशीर्वाद पाएं।