क्या इस साल आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि महत्त्वपूर्ण फैसले लेते समय मन बार बार डगमगाता रहा हो? कभी ऐसा महसूस हुआ हो कि बात करने से पहले ही मन में शक और डर घर कर गया है? या फिर कई बार बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक यह लगा हो कि मन एक जगह टिक नहीं रहा, और निर्णय लेते समय आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगता है? ज्योतिष शास्त्र में ऐसी स्थितियों को अक्सर राहु के प्रभाव से जोड़ा जाता है।
राहु जिसे एक रहस्यमयी छाया ग्रह माना जाता है। कहते हैं कि यह ग्रह मन की स्थिरता, भावनाओं की दिशा और सोचने समझने की प्रक्रिया को गहराई से प्रभावित करता है। कई लोग यह अनुभव करते हैं कि राहु के प्रबल प्रभाव के समय मन में बिना कारण डर, उलझन या भ्रम पैदा हो जाता है। विचार बार बार बदलते हैं और व्यक्ति यह तय ही नहीं कर पाता कि किस दिशा में आगे बढ़ना है। इसलिए वर्ष के अंतिम दिनों में ऐसी ऊर्जा को संतुलित करना आवश्यक समझा जाता है, ताकि नए वर्ष में मन अधिक स्थिर, शांत और स्पष्ट दिशा के साथ प्रवेश कर सके।
इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए श्री मंदिर द्वारा साल 2025 के अंतिम चार दिनों में 72000 राहु मूल मंत्र जाप और दशांश हवन का आयोजन किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि वर्ष के अंत में किए गए जप और हवन मन की ऊर्जा को एक नई शुरुआत के लिए तैयार करते हैं। यह साधना उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक मानी जाती है जो इस वर्ष मानसिक अनिश्चय, निर्णय लेने में रुकावट, डर, संदेह या असमंजस की स्थिति से गुजरते रहे हों।
इस चार दिवसीय साधना में राहु मूल मंत्र का लगातार जाप किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि निरंतर जप से मन की चंचलता कुछ हद तक शांत होती है और भीतर एक स्थिरता आने लगती है। जब मन केंद्रित होता है तो विचार स्पष्ट होने लगते हैं और निर्णय लेने की क्षमता में मजबूती आती है। इसके साथ ही दशांश हवन के माध्यम से राहु से जुड़ी अशांत ऊर्जा को संतुलित करने की परंपरा रही है। हवन की अग्नि में आहुति देने के साथ एक सकारात्मक परिवर्तन का भाव उत्पन्न होता है, जिससे मन धीरे धीरे नकारात्मक प्रभावों से मुक्त होने लगता है।
यह अनुष्ठान उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अवसर माना जा सकता है, जो इस वर्ष राहु से जुड़ी मानसिक उलझन, डर या अनिश्चितता का अनुभव करते रहे हैं। यदि आप भी आने वाले वर्ष में अधिक स्पष्ट सोच, शांत मन और मजबूत निर्णय शक्ति के साथ कदम रखना चाहते हैं तो श्री मंदिर के माध्यम से इस साधना का हिस्सा बन सकते हैं।