👉😔 जीवन में बाधाओं और नकारात्मकताओं के कारण निराशा का सामना करना पड़ रहा है? अमावस्या पर इस विशेष संयुक्त अनुष्ठान से आप भी पाएं इन कष्टों से मुक्ति 🔱🔥
ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि विशेष फलदायी मानी जाती है। सनातन परंपरा में इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक ऊर्जाएं अपने चरम पर होती हैं। इन्हें शांत करने और जीवन में सुरक्षा प्राप्त करने हेतु भक्त विशेष देवी-देवताओं की आराधना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान काल भैरव, मां बगलामुखी और संकट मोचन हनुमान की पूजा अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है, जो शत्रु बाधाओं को समाप्त कर जीवन में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करते हैं। मां बगलामुखी, जो दस महाविद्याओं में आठवीं देवी मानी जाती हैं, की पूजा वाद-विवाद में विजय, शत्रुओं पर नियंत्रण और मानसिक बल के लिए की जाती है। यह मान्यता है कि भगवान श्रीराम और पांडवों ने भी अपने विजय पथ में मां बगलामुखी की आराधना की थी।
काल भैरव, भगवान शिव के उग्र और रक्षक रूप हैं, जिन्हें “भैरव” अर्थात “भय का नाश करने वाला” कहा गया है। आषाढ़ अमावस्या पर इनकी पूजा से भय, अनिश्चितता और तांत्रिक प्रभावों से मुक्ति मिलती है। वहीं संकट मोचन हनुमान, भगवान शिव के ही अवतार माने जाते हैं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, जब लक्ष्मण युद्ध में मूर्छित हो गए, तब हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाकर उन्हें बचाया, और उसी यात्रा के दौरान कालनेमि राक्षस का भी वध किया। इसलिए उन्हें संकट मोचन कहा गया है। इस दिन इनकी पूजा से जीवन के संकटों का निवारण होता है।
इन दिव्य शक्तियों के आह्वान हेतु इस आषाढ़ कृष्ण अमावस्या पर उज्जैन में माँ बगलामुखी, काल भैरव और संकट मोचन हनुमान सर्व कष्ट निवारण पूजा और यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है:
👉 मां बगलामुखी की पूजा उज्जैन के मां बगलामुखी मंदिर में होगी।
👉 काल भैरव और संकट मोचन हनुमान की पूजा उज्जैन के काल भैरव मंदिर में संपन्न की जाएगी।
✨ आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य संयुक्त अनुष्ठान में भाग लें और इन शक्तिशाली देवताओं की कृपा से जीवन की समस्त बाधाओं, भय और शत्रु दोषों से मुक्ति प्राप्त करें।