शत्रु, नकारात्मकता और रुकावटें जीवन को बना रहीं हद से ज्यादा कठिन⚔️🌑🛡️
दुर्गाष्टमी और बड़े मंगल के इस दुर्लभ संयोग पर त्रिदेव पूजन में भाग लेकर पाएं दिव्य सुरक्षा का आशीर्वाद 🔱🔥🛡️
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पावन तिथि देवी दुर्गा तथा उनके नवदुर्गा रूपों को समर्पित होती है। लेकिन इस बार की दुर्गाष्टमी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इसी दिन बड़ा मंगल भी पड़ रहा है। यह दुर्लभ संयोग माँ बगलामुखी, भगवान काल भैरव और संकटमोचन हनुमान जैसे त्रिदेवों की उपासना का अत्यंत श्रेष्ठ अवसर प्रदान करता है। इन तीनों शक्तिशाली देवों की संयुक्त आराधना से नकारात्मक ऊर्जा, अदृश्य बाधाएं और शत्रु संकटों का पूर्ण नाश होता है। माँ बगलामुखी, जो दस महाविद्याओं में आठवीं मानी जाती हैं, शत्रुओं को वश में करने और तांत्रिक प्रभावों से मुक्ति दिलाने वाली देवी हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम तथा पांडवों ने भी अपने जीवन में विजय प्राप्ति के लिए उनकी आराधना की थी। वहीं भगवान काल भैरव को "भय का नाश करने वाला" कहा गया है। वे अज्ञान, अनिश्चितता और छिपे हुए संकटों का अंत करते हैं। उनकी उपासना से जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
रामभक्त हनुमान, जो शिव के ही रुद्रावतार माने जाते हैं, संकटमोचन के रूप में पूजनीय हैं। जब लक्ष्मण युद्ध में मूर्छित हो गए थे, तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लाकर उन्हें जीवनदान देने वाले बने, और रावण द्वारा भेजे गए दानव कालनेमि को पराजित कर उन्होंने “संकटमोचन” की उपाधि प्राप्त की। इन तीनों देवताओं की साधना कर भक्त अपने जीवन में मौजूद नकारात्मकता, शत्रुओं और बाधाओं से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इसीलिए दुर्गाष्टमी और बड़े मंगल के इस शुभ संयोग पर उज्जैन के शक्तिपीठों में श्री मंदिर द्वारा विशेष महायज्ञ और पूजा का आयोजन किया जा रहा है। माँ बगलामुखी की पूजा उज्जैन के बगलामुखी मंदिर में तथा काल भैरव और हनुमान जी की सर्व कष्ट निवारण पूजा काल भैरव मंदिर में संपन्न की जाएगी। यह दिव्य अनुष्ठान जीवन से शत्रु, भय और बाधाओं का नाश कर एक शक्तिशाली रक्षण कवच प्रदान करेगा। आप भी इस महायज्ञ में भाग लें और इन त्रिदेवों का कृपा आशीर्वाद प्राप्त करें।