हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत पवित्र और शक्ति-संपन्न माना गया है। यह वह समय होता है जब आत्म-शुद्धि और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए किए गए अनुष्ठान सबसे ज्यादा प्रभावशाली माने जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन नकारात्मक ऊर्जा अपने चरम पर होती है, इसलिए शक्तिशाली देवी-देवताओं जैसे मां बगलामुखी, काल भैरव और भगवान हनुमान की विशेष पूजा कर इन ऊर्जा से मुक्ति पाई जा सकती है। मां बगलामुखी को देवी दुर्गा का उग्र और विजयी स्वरूप माना गया है, जो दस महाविद्याओं में से आठवीं हैं। शत्रु पर विजय, वाद-विवाद में सफलता, और जीवन में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए इनकी आराधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि स्वयं भगवान राम और पांडवों ने भी अपनी विजय के लिए मां बगलामुखी का आशीर्वाद लिया था।
काल भैरव, भगवान शिव का एक उग्र और रक्षक रूप हैं। "भैरव" का अर्थ होता है – भय का नाश करने वाला। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन काल भैरव की आराधना से भय, भ्रम और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। वहीं भगवान हनुमान, जिन्हें संकट मोचन कहा जाता है, शिवजी के ही अवतार माने जाते हैं। वे शक्ति, भक्ति और सुरक्षा के प्रतीक हैं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी ने न केवल लक्ष्मण के लिए संजीवनी लाकर जीवनदान दिया, बल्कि रावण के भेजे राक्षस कालनेमि का भी वध किया। तभी से वे हर संकट से रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजित हैं। इन तीनों देवताओं की संयुक्त कृपा प्राप्ति हेतु इस अमावस्या पर, श्री मंदिर द्वारा बगलामुखी, भैरव और हनुमान की त्रिस्तरीय शक्ति वर्धक पूजा और यज्ञ जैसे दिव्य अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है। यह विशेष अनुष्ठान उन श्रद्धालुओं के लिए है जो जीवन में बार-बार आने वाले संकट, शत्रु बाधा या मानसिक अशांति से मुक्ति चाहते हैं। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस शक्तिशाली अनुष्ठान में भाग लेकर माँ बगलामुखी, काल भैरव और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करें।