रिश्तों में फिर से प्रेम ❤️, समझ 🤝 और अपनापन 🌸 भरने के लिए शिव-शक्ति की भक्ति का मार्ग चुनें। 🕉️
अगर आप अपने रिश्तों में चल रही कड़वाहट, मनमुटाव या बढ़ते तनाव से परेशान हैं, और कई कोशिशों के बाद भी कोई सुधार नहीं हो पा रहा है, तो इसका समाधान भगवान शिव और माता शक्ति की भक्ति से संभव माना जाता है। सनातन धर्म में शिव और शक्ति को सिर्फ एक दिव्य जोड़ा नहीं, बल्कि प्रेम, धैर्य, क्षमा और संतुलन का प्रतीक माना गया है। भगवान शिव को स्थिरता और आत्मा का प्रतीक माना जाता है, जबकि माता शक्ति चेतना, ऊर्जा और सृजन की देवी हैं। इन दोनों के मिलन से ही सृष्टि में संतुलन बना रहता है। यही कारण है कि इनकी पूजा से हमारे जीवन में भी प्रेम, संतुलन और समझ का विकास होता है।
ऐसा माना जाता है कि शिव और शक्ति की पूजा से टूटे रिश्तों में फिर से मिठास लौट आती है। मन में भरी कड़वाहट दूर होती है और प्रेम व आपसी समझ बढ़ती है। जब हम श्रद्धा और प्रेम से इनकी उपासना करते हैं, तो हमारे भीतर सहनशीलता, करुणा और अपनापन जागता है। इनकी पूजा से वैसा ही ऊर्जा-संतुलन मिलता है, जैसा सृष्टि की शुरुआत में था। इसीलिए शिव की नगरी काशी में स्थित श्री गौरी-केदारेश्वर महादेव मंदिर में विशेष शिव-पार्वती विवाह पूजा, देवी महात्म्य पाठ और अर्धनारीश्वर पूजा का आयोजन किया जा रहा है। ये संयुक्त पूजन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी मानी जाती हैं जो अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं, आपसी समझ बढ़ाना चाहते हैं या फिर एक नई शुरुआत की तलाश में हैं।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य पूजा में भाग लें और अपने जीवन में प्रेम, शांति और संतुलन की पुनः स्थापना का आशीर्वाद प्राप्त करें।