क्या जीवन में बार-बार परेशानियां आ रही हैं? क्या पारिवारिक कलह और आर्थिक बाधाएं थम नहीं रही हैं? 💰🏠
🙏 महालया अमावस्या के अवसर पर पूर्वजों की आत्मा की शांति और जीवन की सभी बाधाओं से राहत का आशीष पाएं। ✨🕉️💫
पितृ पक्ष का समय हमारे जीवन में अत्यंत विशेष माना जाता है। यह वह पावन काल है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि हमारे पितरों का आशीर्वाद जीवन की हर कठिनाई को सरल बना देता है। पितृ पक्ष में किया गया श्राद्ध, तर्पण और दान केवल कर्मकांड भर नहीं होते, बल्कि यह हमारे और हमारे पूर्वजों के बीच आध्यात्मिक संबंध को और अधिक गहरा करने का साधन हैं। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में पितृ लोक के द्वार खुले रहते हैं और हमारे पितर पृथ्वी लोक पर आकर अपने वंशजों का आशीर्वाद देते हैं। इसीलिए यह समय उनके प्रति सम्मान और प्रेम अर्पित करने का सबसे महत्वपूर्ण अवसर होता है।
पितृ पक्ष के दौरान आने वाली अमावस्या, जिसे महालया अमावस्या कहा जाता है, और भी अधिक शक्तिशाली मानी जाती है। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इस अमावस्या को श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन किए गए अनुष्ठान से न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं, बल्कि उनका आशीर्वाद घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। पारिवारिक कलह समाप्त होता है, स्वास्थ्य लाभ मिलता है और जीवन की बाधाएँ धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। गया जैसे पवित्र स्थलों पर किए गए पिंडदान को विशेष पुण्यकारी बताया गया है, क्योंकि यहाँ किए गए कर्मकांड सीधा पितरों तक पहुँचते हैं।
इसीलिए महालया अमावस्या के इस पवित्र अवसर पर पितृ दोष शांति महापूजा, काशी पितृ तर्पण एवं पिंडदान, तथा गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक का संयुक्त आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में सम्मिलित होकर आप न केवल अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन से क्लेश, बाधाएँ और अशांति भी दूर कर सकते हैं।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान और गंगा आरती से जुड़ें और अपने पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। 🌺