🌑 जीवन में निडरता और सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं? 11 हजार मां काली मूल मंत्र और काली कर्पूर अष्टक की शक्ति का अनुभव करें
🪔 हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत पावन और बुरी शक्तियों से निपटने के लिए बेहद शक्तिशाली तिथि माना गया है। मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने राक्षसों और नकारात्मक शक्तियों का संहार करने के लिए अपने उग्र रूप मां काली का अवतार लिया था। जब यह अमावस्या श्राद्ध के आखिरी दिन से जुड़ती है तो यह महालया अमावस्या के रूप में सामान्य से कहीं ज्यादा प्रभावशाली हो जाती है।
महालया अमावस्या मां काली की उपासना के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, क्योंकि इस दिन दैवीय शक्तियां अपने चरम पर रहती हैं। मान्यता है कि इस ख़ास दिन 11,000 मां काली मूल मंत्र जाप और काली कर्पूराष्टक पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। विद्वान मानते हैं कि इन मंत्रों के जाप से शत्रुओं पर विजय की दिशा मिलती है, नकारात्मक ऊर्जा शांत होती है और मानसिक-शारीरिक शक्ति कई गुना बढ़ सकती है। काली कर्पूर अष्टक मां काली की स्तुति में रचा गया बेहद शक्तिशाली और पवित्र स्तोत्र है, जिसका विधि-विधान से किया गया पाठ साधक को निडर बनाता है।
🔥 कहते हैं कि मां काली के मूल मंत्र जाप और काली कर्पूराष्टकम जीवन की चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना करने की शक्ति देता है और भौतिक सुख-समृद्धि का रास्ता मजबूत हो सकता है। मां महाकाली अपने भक्तों के जीवन से अंधकार और भय को दूर कर प्रकाश और आशा का संचार करती हैं। महालया अमावस्या को किया गया यह अनुष्ठान सामान्य से कई गुना फलदायी माना गया है, इस अवसर को हाथ से न जाने दें।
यह विशेष अनुष्ठान कोलकाता के शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में आयोजित होने जा रहा है, जो मां काली को समर्पित सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि जब भगवान शिव मां सती के शरीर के साथ तांडव कर रहे थे, तब उनका दायां अंगूठा इसी स्थान पर गिरा था। यही कारण है कि यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना गया है और यहां की ऊर्जा साधक को भीतर तक महसूस होती है।
श्री मंदिर के माध्यम से महालया अमावस्या पर घर बैठे मां काली के महानुष्ठान में भाग लें। मां के आशीर्वाद से जीवन में निडरता, सुरक्षा और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा का अनुभव करें। 🌺