💰 क्यों यह निर्जला एकादशी व्यवसाय के लिए असाधारण है?
निर्जला एकादशी सभी एकादशियों का संयुक्त पुण्य देने वाली तिथि है। इस वर्ष यह शुक्रवार—माता लक्ष्मी का दिन—पर पड़ रही है, जो धन तथा सौभाग्य को कई गुना बढ़ा देती है। कलियुग के “शरणागत रक्षक” बाबा खाटू श्याम (भीम-पौत्र बर्बरीक) की भक्ति से व्यापार में आ रहे लगातार अवरोध, धन-अभाव और अस्थिरता शीघ्र दूर होती है।
अनुष्ठान-अंग:
1. खाटू श्याम उद्योग लक्ष्मी वंदना – लक्ष्मी कृपा से पूँजी, बिक्री व ग्राहकों का विस्तार।
2. व्यापार वृद्धि संकल्प – विशेष संकल्प द्वारा स्थगित सौदे, रुका धन व कानूनी देरी का निवारण।
3. तिलक श्रृंगार सेवा – केसर-चंदन तिलक, मिष्ठान्न व शृंगार समर्पण; शुभ लाभ व विजय-योग की स्थापना।
माना जाता है कि श्याम नाम का स्मरण “हारे का सहारा” बनकर घाटे, प्रतिस्पर्धा और अनिश्चित बाज़ार स्थितियों में अदृश्य संरक्षण देता है, जबकि लक्ष्मी-वंदना व्यापार-चक्र में सतत नकदी प्रवाह को जाग्रत करती है। श्री मंदिर के मार्गदर्शन में उज्जैन स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर में भाग लेकर इस दुर्लभ संयोग का लाभ उठाएँ।