क्या आपकी शादी में देरी हो रही है या आपके रिश्ते में बार-बार गलतफहमियाँ हो रही हैं? 💔
क्या शादी की बात आखिरी समय पर टूट जाती है? या आप ऐसे रिश्ते में हैं, जहाँ उलझन और भावनात्मक तनाव हमेशा बना रहता है? अगर हाँ, तो यह सिर्फ़ किस्मत की बात नहीं हो सकती इसके पीछे कोई गहरा ग्रह संबंधी कारण भी हो सकता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह समस्या बृहस्पति ग्रह में असंतुलन के कारण हो सकती है। बृहस्पति ग्रह विवाह, पारिवारिक सामंजस्य और जीवन की स्थिरता का कारक है। जब जन्म कुंडली में बृहस्पति पीड़ित होता है, तो सही जीवनसाथी मिलने में देरी, मन में असमंजस और रिश्तों में तनाव हो सकता है।
शास्त्रों में वर्णित है कि जब शिव जी ने काशी नगरी बसाई, तो सभी देवता वहाँ निवास करना चाहते थे। शिव जी ने गुरु बृहस्पति को खास स्थान दिया और उन्हें ‘देवगुरु’ की उपाधि दी। तभी से काशी का श्री बृहस्पति मंदिर प्राचीन और पवित्र स्थान माना जाता है। यहाँ आज भी गुरुवार के दिन विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
इनमें शामिल हैं:
- बृहस्पति गुरु ग्रह हवन – बृहस्पति के नकारात्मक असर को कम कर मन में स्थिरता लाने के लिए
- विष्णु सहस्रनाम पाठ – महाभारत में भीष्म द्वारा युधिष्ठिर को बताया गया विष्णु जी के हज़ार नामों का जाप, जो मन को शांति और संतुलन देता है।
- केले के वृक्ष की पूजा – यह वृक्ष बृहस्पति और विष्णु दोनों से जुड़ा है और भक्ति व पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
यह पूजा उन लोगों के लिए खास लाभकारी है जो शादी में देरी, पारिवारिक विवाद या रिश्तों में उलझन का सामना कर रहे हैं। इन अनुष्ठानों से स्पष्टता, स्थिरता और सही जीवनसाथी मिलने में मदद मिलती है। श्री मंदिर के माध्यम से आप इस विशेष अनुष्ठान में भाग लेकर इस शुभ दिन गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद पा सकते हैं।