क्या आप कानूनी विवादों में फंसे हैं या छिपे हुए शत्रुओं से परेशान हैं?
महालया अमावस्या का दिन वर्ष का सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इस दिन शक्ति और विजय प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से माँ बगलामुखी की पूजा की जाती है। माँ बगलामुखी नकारात्मक शक्तियों को रोकने और शत्रुओं के दुष्कर्मों को नियंत्रित करने की शक्ति रखती हैं। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन भी है, जब हम अपने पूर्वजों को स्मरण करते हैं। परंपरा के अनुसार इस दिन लोक और परलोक के द्वार खुले माने जाते हैं, जिससे की गई प्रार्थनाएँ और अनुष्ठान अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि यह दिन नवरात्रि की ऊर्जा के प्रारंभ का संकेत है। जहाँ भक्त अपने पितरों की शांति के लिए साधना करते हैं, वहीं यह अवसर सांसारिक जीवन की परेशानियों और शत्रुओं से राहत पाने का भी माना जाता है।
आठवीं महाविद्या माँ बगलामुखी की आराधना से बाधाओं को पार करने और न्याय पाने का आशीर्वाद मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार सतयुग में एक बार भयंकर तूफान ने पूरे ब्रह्मांड को नष्ट करने का संकट पैदा कर दिया। संकट से बचने के लिए भगवान विष्णु भगवान शिव की शरण में गए। भगवान शिव ने कहा कि इस विनाश को रोकने की क्षमता केवल देवी शक्ति में है। तब भगवान विष्णु ने सौराष्ट्र क्षेत्र के हरिद्रा (हल्दी) सरोवर के किनारे कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी शक्ति ने माँ बगलामुखी के रूप में प्रकट होने का वचन दिया। माँ पीले वस्त्रों में, हल्दी के समान पीले वर्ण के साथ प्रकट हुईं।
उन्होंने अपनी स्तंभन शक्ति से राक्षस मदनासुर की जीभ पकड़कर उसके उत्पात को रोक दिया और संसार को विनाश से बचाया। उनकी यही शक्ति आगे चलकर “स्तंभन शक्ति” कहलायी। इसी स्मृति में माँ बगलामुखी तंत्र युक्त यज्ञ किया जाता है। इस यज्ञ में आचार्य गुप्त मंत्रों का जप और आहुतियाँ अर्पित करते हैं, ताकि माँ अपनी स्तंभन शक्ति से शत्रुओं की वाणी, मन और बुरे इरादों को रोक दें। जिस प्रकार उन्होंने ब्रह्मांड को बचाया था, उसी प्रकार यह अनुष्ठान जीवन के संकटों और विवादों को शांत करने की प्रार्थना है। महालया अमावस्या पर उज्जैन स्थित माँ बगलामुखी मंदिर में यह यज्ञ करने से इसका प्रभाव कई गुना माना जाता है। यह केवल अदालत के मामलों में विजय की प्रार्थना नहीं, बल्कि जीवन की हर कठिनाई पर नियंत्रण और शांति का मार्ग है।
🙏 श्री मंदिर द्वारा आयोजित यह विशेष पूजा माँ बगलामुखी का आशीर्वाद लाती है, जिससे भक्त को शांति, निर्भयता और सफलता की प्राप्ति होती है।