🌺 कालीघाट शक्तिपीठ में आयोजित माँ दुर्गा को समर्पित अखंड महापूजा में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त करें।
🙏 9 दिवसीय चंडी हवन एवं सप्तशती पाठ अनुष्ठान में भाग लेकर माँ की दिव्य कृपा और आशीर्वाद पाएं।
कई बार हमारे जीवन में अनचाहे तनाव, मानसिक अस्थिरता और निर्णयों में कठिनाई जैसी समस्याएँ आती हैं। छोटे-छोटे कार्यों में देरी, भावनाओं का संतुलन न रहना और मानसिक उलझन जैसी स्थितियाँ हमारी दिनचर्या और जीवन की दिशा को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे समय में सही साधना और दिव्य ऊर्जा का सहारा लेना लाभकारी माना जाता है। माँ दुर्गा, जिन्हें आदिशक्ति और संपूर्ण सृष्टि की निर्माता देवी माना जाता है, जीवन में शक्ति, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा देने वाली हैं। उनकी उपासना से मानसिक संतुलन बनता है और कठिन परिस्थितियों में भी आत्मबल बनाए रखने में सहायता मिलती है।
वैदिक परंपरा में माँ दुर्गा को संकट निवारण और जीवन में सफलता दिलाने वाली देवी माना गया है। वैसे तो माँ दुर्गा की उपासना सभी दिनों में लाभकारी होती है, लेकिन नवरात्रि का पावन समय विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इन पावन नौ दिनों में भक्त माँ के नौ स्वरूपों की उपासना करते हैं। यह समय आत्मबल, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने का श्रेष्ठ समय माना गया है। इसी पावन अवसर को ध्यान में रखते हुए श्री मंदिर के माध्यम से कोलकाता स्थित शक्तिपीठ कालीघाट, जहां माता सती का दाहिना पैर का अंगूठा गिरा था, में 9 दिवसीय चंडी हवन एवं सप्तशती पाठ का आयोजन किया जा रहा है। चंडी हवन एक शक्तिशाली वैदिक अग्नि अनुष्ठान है, जो देवी चंडी अर्थात माँ दुर्गा के उग्र और दिव्य स्वरूप की आराधना के लिए किया जाता है।
मान्यता है कि इस हवन से जीवन की बाधाएँ दूर हो सकती हैं, नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है और साधक देवी की दिव्य कृपा का अनुभव कर सकता है। इसके साथ ही सप्तशती पाठ भी सम्पन्न होगा, जिसे दुर्गा सप्तशती कहा जाता है। यह पवित्र ग्रंथ माँ दुर्गा के अद्भुत रूपों का वर्णन करता है और इसमें 700 श्लोक सम्मिलित हैं। नवरात्रि के दौरान इसका पाठ विशेष फलदायी माना गया है। विश्वास है कि इससे कठिनाइयों से मुक्ति, शत्रुओं पर विजय, स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। इस अनुष्ठान की शुरुआत पहले दिन भक्तों के नाम और गोत्र के साथ संकल्प लेकर की जाएगी। इसके बाद पूरे नौ दिनों तक अखंड देवी पूजा का आयोजन होगा, जिससे साधक माँ दुर्गा की सतत कृपा का अनुभव कर सकते हैं।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान में सम्मिलित होकर माँ दुर्गा के आशीर्वाद का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।