😔 क्या आप अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करना चाहते हैं? यह पवित्र इंदिरा एकादशी पूजा आपके दिवंगत परिवारजनों को सांत्वना, शांति और आशीर्वाद प्रदान करने का एक दिव्य अवसर प्रदान करती है।
पितरों को समर्पित सभी विशेष तिथियों में आश्विन कृष्ण एकादशी यानी इंदिरा एकादशी का महत्व विशेष रूप से वर्णित है। शास्त्रों में इस दिन की एक दिव्य कथा का उल्लेख है धर्मनिष्ठ राजा इन्द्रसेन अपने पिता की आत्मा के कष्ट के कारण चिंतित थे। एक दिन नारद मुनि उनके दरबार आए। राजा ने बताया कि उन्हें स्वप्न में दिखा कि उनके पिता यमलोक में कष्ट भोग रहे हैं। नारद जी ने समझाया कि यदि पितरों की शांति के लिए श्रद्धा और उपवास सहित इंदिरा एकादशी का पालन किया जाए तो आत्माओं को मुक्ति मिल सकती है। राजा इन्द्रसेन ने उनकी आज्ञा का पालन कर श्रद्धा से पूजा-अनुष्ठान किए। परिणामस्वरूप उनके पिता यमलोक के कष्टों से मुक्त होकर स्वर्गलोक में स्थित हो गए और पुत्र पर आशीर्वाद बरसाने लगे।
यह कथा दर्शाती है कि आश्विन कृष्ण एकादशी पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष हेतु अत्यंत प्रभावशाली है। इस दिन पितृ शांति के लिए किए गए अनुष्ठान प्रेम और कर्तव्य का प्रतीक हैं। गया जी के धर्मारण्य वेदी पर विद्वान आचार्यों द्वारा तिल तर्पण तिल और जल अर्पण तथा 51,000 बार पितृ गायत्री मंत्र जप किया जाएगा। यह अनुष्ठान पितरों को जल और प्रकाश रूपी आध्यात्मिक पोषण देकर उन्हें शाश्वत शांति की ओर अग्रसर करने की प्रार्थना है।
गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि गया के धर्मारण्य वेदी पर किए गए पितृ कर्म 20 पीढ़ियों तक के पितरों की आत्मा की शांति और मुक्ति में सहायक माने गए हैं।
🙏 इस विशेष इंदिरा एकादशी पर श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजन में सम्मिलित हों और गया की इस पवित्र भूमि से अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।