⚖️ कोर्ट केस में राहत के लिए मां बगलामुखी और शनिदेव की आराधना का दुर्लभ अवसर🙏
क्या आप शत्रुओं के षड्यंत्र, कानूनी विवाद या कोर्ट-कचहरी के झंझटों से परेशान हैं? जीवन में मची उथल-पुथल से सफलता और तरक्की कोसों दूर दिखने लगी है? ऐसी परिस्थिति में एक के बाद एक हो रही हार से राहत के लिए शनि अमावस्या बेहद फलदायी हो सकती है। भाद्रपद की यह अमावस्या साल की आखिरी शनि अमावस्या भी है। ऐसे शुभ संयोग में मां बगलामुखी और शनिदेव की संयुक्त आराधना आपके जीवन में कोर्ट-कचहरी मामलों में राहत की दिशा दिखा सकती है।
⚖️ शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है और इस दिन की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है, साथ ही यह दिन देवी दुर्गा के उग्र स्वरूप, दस महाविद्याओं में से एक मां बगलामुखी की पूजा के लिए बेहद शुभ है। दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या देवी बगलामुखी हैं, जो शत्रुओं के मन, वाणी और बुद्धि को नियंत्रित करने की शक्ति रखती हैं। उनकी पूजा से शत्रुओं का नाश होता है, बड़ी विपत्तियों से रक्षा मिलती है और कानूनी मामलों में सफलता का रास्ता मिलता है। मां बगलामुखी तंत्र युक्त हवन में विशेष मंत्रों और आहुतियों से देवी को प्रसन्न किया जाता है। यह साधना नकारात्मक शक्तियों, शत्रु बाधाओं और मानसिक अशांति से रक्षा के लिए प्रचलित है। साथ ही यह अनुष्ठान आत्मविश्वास, विजय और जीवन में स्थिरता का आशीर्वाद देता है।
⚖️ इस प्रकार, साल की आखिरी शनि अमावस्या पर देवी बगलामुखी की पूजा करने से जीवन के जटिल मामलों में जीत का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही ‘न्याय के देवता’ शनिदेव की संयुक्त पूजा भी कानूनी मामलों में सफलता के मार्ग खोल सकती है। शनिदेव को प्रसन्न करने के मुख्य उपायों में से एक है तिल और तेल का अभिषेक। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या पर शनिदेव को तिल तेल अर्पित करने से जीवन के कष्टों से राहत मिलती है और पुराने पाप, पुण्यों में बदलने शुरू हो जाते हैं।
इस साल की आखिरी शनि अमावस्या पर उज्जैन के दो सिद्ध तीर्थ मां बगलामुखी मंदिर और श्री नवग्रह शनि मंदिर में इस अनुष्ठान में भाग लें और कानूनी राहत का दिव्य आशीर्वाद पाएं।