🚧 व्यापार में हो रहा है नुकसान और राजनीति में नहीं मिल रही पहचान? सूर्य-मंगल दोष तो नहीं?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य और मंगल की युति से अंगारक दोष बनता है, जो एक ज्योतिषीय दोष है। यह तब होता है जब सूर्य और मंगल एक ही भाव में कुंडली में स्थित होते हैं। इस दोष का जातक के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। जमा-जमाया व्यापार अचानक मंद पड़ने लगता है। राजनीति में सक्रिय लोगों का टिकट कट जाता है, बड़े-बड़े नेताओं से पुराने संबंध बिगड़ने लगते हैं। जीवन ऐसे रास्ते पर चल पड़ता है कि कब, क्या हो जाए, कुछ पता नहीं चलता। सूर्य और मंगल की युति ऐसी ही होती है, जिसका निवारण समय रहते बेहद ज़रूरी है।
🌕 मंगलनाथ महादेव मंदिर में 7 हजार मंगल मूल मंत्र जाप और नवग्रह शांति पूजा
इस रविवार धनिष्ठा नक्षत्र का योग है, जिसके स्वामी मंगल हैं। इसलिए उज्जैन स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में 7 हजार मंगल मूल मंत्र जाप और नवग्रह शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। जीवन में तरक्की, मान-सम्मान के लिए सूर्य तो काम में सफलता और स्थिरता के लिए मंगल ज़िम्मेदार है। यदि इन दोनों ग्रहों को विधि-विधान से आराधना की जाए तो कोई ऐसा काम नहीं, जिसमें सफलता न मिल सके। मंगलनाथ महादेव मंदिर की महिमा इन संयुक्त अनुष्ठानों के लिए अतुलनीय है। यह मंदिर शिव जी को समर्पित है, जिसे मंगल ग्रह का जन्मस्थान भी माना जाता है। यहां भगवान शिव को मंगलनाथ महाराज के रूप में पूजा जाता है। नवग्रहों की शांति के लिए यहां किए गए अनुष्ठानों का शास्त्रों में बड़ा महत्व है।
🌕 नवग्रह शांति पूजा में सभी नौ ग्रहों से आशीष लिया जाता है, जिससे जीवन में तरह-तरह की बाधाओं से राहत मिल सके। धनिष्ठा नक्षत्र में मंगल के मूल मंत्रों की ध्वनि जब विधिवत अनुष्ठानों के साथ गूंजती है तो बड़े से बड़े कष्ट दूर होने शुरू हो जाते हैं और भक्तों के पिछले कर्म भगवान मंगलनाथ की कृपा से पुण्यों में बदल सकते हैं। धनिष्ठा नक्षत्र का दिव्य काल, भाद्रपद का आरंभ इस अनुष्ठान की शक्ति को कई गुना फलदायी बनाने की शक्ति रखते हैं। जीवन में मंगल ही मंगल हो, ग्रह दोष शांत हों और आपका सिक्का व्यापार और राजनीति में चमकने लगे, ऐसी कामना के साथ इस अनुष्ठान में घर बैठे भाग लें और पुरानी तकलीफों को मंगलनाथ महादेव का नाम लेकर सदा के लिए विदा करने की प्रार्थना करें।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और जीवन में लाभ और मान-सम्मान का शुभ आशीष पाएं।