इस एकादशी पर भगवान नारायण और मां लक्ष्मी का अपने घर में मंगलमय स्वागत करें।🙏 🌺
🛕तिरुपति बालाजी क्षेत्र में 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा होने वाले विशेष अनुष्ठान में भाग लेकर शुभ फल के भागी बनें।🌿
कामदा एकादशी सनातन धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण और पवित्र तिथि मानी जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु, जो संपूर्ण सृष्टि के पालनकर्ता माने जाते हैं, की विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा की जाती है। उनके साथ देवी लक्ष्मी, जो उनकी अर्धांगिनी होने के साथ-साथ धन, सौभाग्य और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री भी हैं, की आराधना का भी विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा से भौतिक समृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त होती है। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी का दिन लक्ष्मी-नारायण की संयुक्त पूजा के लिए अत्यंत शुभ होता है। इस दिन भक्तगण विशेष अनुष्ठान करते हैं ताकि उन्हें सुख, शांति, धन, ऐश्वर्य और जीवन में उन्नति प्राप्त हो। इन अनुष्ठानों में लक्ष्मी-नारायण पूजा, श्री सूक्त का पाठ और विष्णु-महालक्ष्मी यज्ञ प्रमुख हैं, जिन्हें अत्यंत फलदायी माना गया है। ऐसा उल्लेख मिलता है कि 11 ब्राह्मणों द्वारा विधिपूर्वक सम्पन्न इन विशेष अनुष्ठानों से न केवल व्यापार और कार्यक्षेत्र में सफलता के मार्ग प्रशस्त होते हैं, बल्कि पारिवारिक जीवन में प्रेम, सौहार्द और सकारात्मकता भी बढ़ती है।
🌸 इस अनुष्ठान में सम्मिलित है वह दिव्य मंत्रपाठ, जिसकी महिमा का स्वयं देवी लक्ष्मी ने किया था वर्णन 📜 🌺
श्री सूक्त का उल्लेख स्वयं देवी लक्ष्मी ने किया है, ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। यह दिव्य स्तोत्र ऋग्वेद के दूसरे मंडल में स्थित है और इसे माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने हेतु विशेष रूप से पूजा-अनुष्ठानों में सम्मिलित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं, तब उन्होंने भगवान विष्णु को वरदान स्वरूप यह कहा था कि जो भी भक्त श्रद्धा और निष्ठा से इस सूक्त का पाठ करेगा, उसके जीवन में धन और ऐश्वर्य की कभी कमी नहीं होगी। यही नहीं, यह पवित्र अनुष्ठान विशेष रूप से तिरुपति तीर्थ क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। ऐसा विश्वास है कि कलियुग में भगवान विष्णु वेंकटेश्वर रूप में तिरुपति में मानवता के कल्याण हेतु विराजमान हैं। मान्यता है कि इस पावन स्थल पर की गई पूजा अत्यंत फलदायी होती है और इससे भक्तों को गहन आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति होती है। इन्हीं विशेष कारणों से तिरुपति तीर्थ क्षेत्र में 11 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है।
आप भी इस पुण्य अवसर पर श्री मंदिर द्वारा आयोजित इस दिव्य पूजा में सहभागी बनें और भगवान श्रीविष्णु एवं माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें। उनका आशीर्वाद आपके व्यापार, करियर तथा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समृद्धि, सफलता और शुभता का मार्ग प्रशस्त करेगा।