🙏 पितृ पक्ष की कालाष्टमी पर भैरव देव की आराधना और यम पितृ शांति का दुर्लभ अवसर 🙏
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष की कालाष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। यह दिन विशेष रूप से पितरों की शांति और उनकी आत्माओं की मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। कालाष्टमी पर भैरवदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है, क्योंकि भैरव जी को देवताओं के रक्षक और पाप नाशक माना जाता है। पितृ पक्ष में भैरवदेव की उपासना के साथ यम पितृ शांति पूजा भक्तों को नकारात्मक शक्तियां से बचा सकती है।
कालाष्टमी पर यम पितृ शांति पूजा का समान महत्व बताया गया है, क्योंकि इस दिन यमराज और पितरों की पूजा की जाती है। यह पूजा पितृ दोष निवारण और पितरों की आत्मा की शांति के लिए बेहद फलदायी मानी गई है। यमराज को प्रसन्न करने से पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आती है और शारीरिक-मानसिक पीड़ा से मुक्ति की दिशा मिलती है। इस दिन तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध क्रियाएं पितरों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक होती हैं। कालाष्टमी की रात विशेष रूप से यमराज और भैरव की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
💫 पितृ पक्ष में भैरवदेव की पूजा क्यों?
भैरव देव को शिव के रुद्र रूप के रूप में पूजा जाता है। वे पापों का नाश करने वाले और भक्तों के जीवन में सुरक्षा प्रदान करने वाले देवता हैं। भैरव जी की उपासना से मोक्ष की प्राप्ति संभव है, क्योंकि वे जीवन के सभी नकारात्मक कर्मों को समाप्त कर सकते हैं। भैरव देव का आशीर्वाद प्राप्त करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति की दिशा मिलती है और उसकी आत्मा को शांति का मार्ग मिल सकता है। उनका आशीर्वाद पितृ दोष, शांति, समृद्धि और जीवन की कठिनाइयों से राहत दिलाता है, जिससे मोक्ष की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया जाता है।
यमुनोत्री धाम में पितृ शांति पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। यहां यमुनाजी की पवित्रता और श्रद्धा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस पूजा में तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं, जो पितृ दोष को समाप्त कर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति लाने की शक्ति रखते हैं। वहीं, श्री बटुक भैरव मंदिर, काशी में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां भैरव देव की पूजा का विशेष महत्व है। यहां श्रद्धालु मानसिक शांति, पितृ दोष निवारण और भय से राहत के लिए भैरवदेव की शरण में आते हैं।
🪔 श्री मंदिर द्वारा दो सिद्ध तीर्थ स्थलों में होने जा रही कालाष्टमी काल भैरव-पितृ-यम साधना में घर बैठे भाग लें और श्राद्ध अष्टमी पर पितृ शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद पाएं।