3️⃣ क्या आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 या 30 तारीख को हुआ है?
तो आपका मूलांक 3 है, जो बृहस्पति द्वारा शासित है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह ज्ञान, विस्तार और समृद्धि का ग्रह माना गया है। मूलांक 3 वाले व्यक्तियों को अक्सर उनके विचारों, मार्गदर्शन और उदारता के लिए सराहा जाता है। ये जातक प्रतिभा के धनी होते हैं और ऐसे करियर की ओर आकर्षित होते हैं, जहां वे सिखाते हैं, सलाह देते हैं, कुछ नया या नेतृत्व करते हैं।
मूलांक 3 के जातक जितना प्राप्त करते हैं, उससे अधिक देने की भावना रखते हैं लेकिन एक समय ऐसा आता है, जब उनके जीवन में बिखराव बढ़ने लगता है। आमदनी तो होती है लेकिन वह उनकी जेब या तिजोरी में टिक नहीं पाती। उनकी प्रतिभा और प्रयासों के बावजूद, धन-समृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ती जाती है। ऐसा तब होता है, जब बृहस्पति की ऊर्जा असंतुलित हो जाती है। यही कारण है कि मूलांक 3 के आराधकों को भगवान विष्णु के आह्वान से दिव्य लाभ होते हैं, जो बृहस्पति द्वारा मिली चीज़ों को बनाए रखने में मदद करते हैं।
वैदिक परंपरा में बृहस्पति देव और भगवान विष्णु का आपस में गहरा संबंध है। विष्णु जी धर्म के रक्षक और समृद्धि हैं तो ब्रहस्पति देव बुद्धि, ज्ञान और वाणी के देवता माने जाते हैं। जब दोनों की एक साथ पूजा की जाती है तो आराधक को विस्तार और स्थिरता, दोनों का आशीर्वाद मिलता है। काशी के श्री बृहस्पति मंदिर में मूलांक 3 के जातकों के लिए विशेष विष्णु पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस पूजा से:
👉वित्तीय रुकावटें दूर होती हैं और धन-समृद्धि के बंद द्वार खुलने लगते हैं।
👉आमदनी का स्पष्ट और निरंतर प्रवाह बनता है, धन बचत शुरू हो जाती है।
👉विष्णु जी की सुरक्षात्मक कृपा से बृहस्पति का प्रभाव और मजबूत बनता है।
👉मेहनत का फल स्थायी होने लगता है और असफलता के बादल छटते हैं।
माना जाता है कि दोष सुधार के बिना मूलांक 3 के व्यक्ति नुकसान उठाते चले जाते हैं। इससे बचने के लिए ज्योतिष आचार्यों द्वारा सुझाया गया यह दिव्य अनुष्ठान ऊर्जा को स्थिर करने में चमत्कारिक रूप से फलदायी है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से भगवान विष्णु के इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लें और अपने जीवन में वित्तीय प्रवाह की मजबूती और बाधाओं से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।