🔱 सावन के आखिरी दिन महाकाल की कृपा से पाएं स्वास्थ्य और नकारात्मकता से राहत का आशीर्वाद🕉️
🔱 बनें बागी 51 ब्राह्मणों द्वारा संपन्न महारुद्र हवन एवं रुद्राभिषेक का….🕉️
क्या आप भी लंबे समय से खराब स्वास्थ्य, लगातार थकान, बुरी नज़र या जीवन में फैली नकारात्मक ऊर्जा से परेशान हैं? कई बार इलाज कराने के बाद भी मन और शरीर में शांति नहीं आती और जीवन का संतुलन बार-बार बिगड़ता है। ये संकेत होते हैं उस आंतरिक अशांति के, जिसे केवल आध्यात्मिक साधना और शिव कृपा से ही दूर किया जा सकता है। इन सभी समस्याओं से राहत पाने का अब एक आखिरी अवसर सामने है – सावन का आखिरी दिन, जिसे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
इसीलिए सावन के आखिरी दिन, भक्तों की इन सभी समस्याओं के समाधान के मार्ग को आसान करने के लिए, महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित श्री नवग्रह शनि मंदिर में एक दिव्य शिव अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। यह मंदिर अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ नवग्रहों के स्वामी कहे जाने वाले शनि सहित अन्य ग्रहों की भी पूजा होती है, लेकिन जो बात इसे विशिष्ट बनाती है, वह यह कि यहाँ शनि देव का स्वरूप भगवान शिव के रूप में प्रतिष्ठित है। इस अद्भुत शिवस्वरूप के दर्शन और पूजा का लाभ सावन के आखिरी दिन कई गुना अधिक माना गया है।
इस दिन की पावनता और शनिवार एवं पूर्णिमा के दुर्लभ संयोग के बीच भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के उद्देश्य से 51 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा महारुद्र हवन और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। यह अनुष्ठान केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि की एक गहन साधना मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि सावन के आखिरी दिन जब सामूहिक रूप से वेद मंत्रों का उच्चारण होता है, तो वातावरण में दिव्य ऊर्जा का संचार होता है। इसकी शक्ति से भक्त अपने जीवन के संचित दोषों, रोगों और मानसिक उलझनों से राहत पाकर एक नए शुभ चक्र की ओर बढ़ सकता है।
आप भी ‘श्री मंदिर’ के माध्यम से इस विशेष महारुद्र हवन और रुद्राभिषेक से जुड़ें और सावन के इस आखिरी, शुभ अवसर को लाभ में बदलें।