मीन राशि के लिए शनि का महत्वपूर्ण गोचर 29 मार्च 2025 को तब शुरू हुआ जब शनि कुंभ से मीन राशि में प्रवेश कर गया। यह गोचर 3 जून 2027 तक मीन राशि में बना रहेगा। इस पूरे समय को मीन जातकों के लिए साढ़े साती का सक्रिय काल माना जाता है। ऐसा समझा जाता है कि इस दौरान मानसिक थकान, आर्थिक दबाव और रिश्तों में उतार–चढ़ाव जैसी स्थितियाँ अधिक महसूस हो सकती हैं। यह समय ऐसा माना जाता है जब व्यक्ति अपने मन, भावनाओं और जीवन की परिस्थितियों में कई बदलाव अनुभव करता है।
ज्योतिष में शनि और मीन राशि का संबंध विशेष माना गया है। मीन जल तत्व की राशि कही जाती है, जिसमें भावनाएं, संवेदनशीलता और कल्पनाशीलता प्रमुख होती हैं। वहीं शनि अनुशासन, जिम्मेदारी और वास्तविक जीवन के अनुभवों का ग्रह माना जाता है। जब शनि मीन में आता है, तब ऐसा समझा जाता है कि व्यक्ति की भावनात्मक दुनिया वास्तविकता से टकराती है। इसी कारण मन में बेचैनी, दुविधा, असुरक्षा और भविष्य की चिंता बढ़ सकती है। हालांकि यह भी माना जाता है कि यही समय व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनने और अपनी कमियों को समझकर सुधार करने का अवसर देता है।
शनि का मीन राशि में रहना एकादश और द्वादश भाव को सक्रिय करता है। इस वजह से धन की योजना में रुकावटें आना, परिवार में विचारों की असहमति, और मन में अनिश्चितता सामान्य रूप से देखी जाती है। यह भी माना जाता है कि यह अवधि व्यक्ति को अपने कर्म, सोच और जीवन की दिशा को दोबारा समझने का समय देती है, ताकि आने वाले समय में स्थिरता और संतुलन स्थापित हो सके।
इन्हीं प्रभावों को शांत करने और मन को संतुलित करने के उद्देश्य से मीन राशि के लिए शनि साढ़े साती शांति पूजा उज्जैन के पवित्र नवग्रह शनि मंदिर में की जा रही है। उज्जैन का यह स्थान शनि उपासना का अत्यंत पुरातन और मान्य स्थल माना जाता है। यहां की गई पूजा और अनुष्ठान मानसिक शांति, स्थिरता और जीवन में सुधार की दिशा में सहायक माने जाते हैं।
यह अनुष्ठान श्री मंदिर के माध्यम से संपन्न कराया जा रहा है। आप भी श्री मंदिर की ओर से इस पूजा में सम्मिलित होकर मन की शांति, आर्थिक राहत और परिवार में सौहार्द की दिशा में एक सकारात्मक कदम बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार यह पूजा उन मीन राशि जातकों के लिए विशेष मानी जाती है जो साढ़े साती की अवधि में बने तनाव, दवाब और अनिश्चितता से राहत चाहते हैं।