🔮 एक शक्तिशाली ब्रह्मांडीय बदलाव आ रहा है - क्या आप राहु के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए तैयार हैं?
18 मई, 2025 (रविवार) को राहु और केतु एक दुर्लभ तथा प्रभावशाली राशि परिवर्तन से गुजरेंगे। इस दिन राहु मीन राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, जबकि केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेगा। यह गोचर कुछ राशियों के लिए राहत लेकर आएगा, वहीं अन्य राशियों को मानसिक शांति, रिश्तों, करियर की स्थिरता, और निर्णय क्षमता जैसे क्षेत्रों में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप लगातार चिंता, बार-बार असफलता या अस्पष्ट भ्रम से जूझ रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि राहु की छाया आपके जीवन पर प्रभाव डाल रही है। वैदिक ज्योतिष में राहु को एक ऐसी कर्म शक्ति माना जाता है, जो व्यक्ति को या तो अभूतपूर्व ऊँचाइयों तक पहुँचा सकती है या फिर भ्रम और अस्थिरता में डुबो सकती है। जब राहु पीड़ित होता है, तो यह भावनात्मक अस्थिरता, वित्तीय नुकसान, तनावपूर्ण संबंधों, और सामाजिक विफलताओं का कारण बनता है। लेकिन जब राहु शांत होता है, तो वही राहु विदेशी अवसर, तेज़ उन्नति, और असाधारण सफलता देने में सक्षम होता है।
इस परिवर्तनकारी राहु-गोचर के दौरान दिव्य सुरक्षा, कर्म शुद्धि, और आध्यात्मिक स्थिरता प्राप्त करने हेतु श्री मंदिर आपको आमंत्रित करता है कि आप श्री कालहस्ती स्थित प्रसिद्ध भावलिंगेश्वर स्वामी मंदिर में संपन्न होने वाली राहु-केतु पूजा और सर्प दोष निवारण पूजा में भाग लें। प्राचीन मान्यता के अनुसार, यह मंदिर स्वर्णमुखी नदी के पवित्र तट पर स्थित है और इसकी स्थापना 5000 वर्ष पूर्व ऋषि अगस्त्य ने की थी। उन्होंने यहाँ तीन दिव्य शिवलिंगों की स्थापना की थी, जिनमें से भावलिंगेश्वर लिंगम को सबसे शक्तिशाली और आध्यात्मिक रूप से जागृत माना जाता है। सहस्राब्दियों से यहाँ निरंतर अभिषेक के साथ पूजा होती आ रही है। ऐसी मान्यता है कि जब स्वर्णमुखी नदी में बाढ़ आती है, तब भी उसका जल इस लिंगम को नहीं छूता, जिसे इसकी दिव्य ऊर्जा और सुरक्षा शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
यह मंदिर विश्व स्तर पर उन श्रद्धालुओं के लिए प्रसिद्ध है जो राहु-केतु दोष, काल सर्प दोष, और गंभीर ग्रह बाधाओं से राहत पाने की कामना करते हैं। ऐसे दोष व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और पूर्णता के मार्ग में बाधा बन सकते हैं। यदि आप भी इन ग्रह पीड़ाओं से मुक्ति चाहते हैं, तो श्री मंदिर के माध्यम से श्री कालहस्ती के भावलिंगेश्वर स्वामी मंदिर में आयोजित इस शक्तिशाली और परिवर्तनकारी अनुष्ठान में भाग लें। यह पूजा आपके जीवन में स्पष्टता, स्थिरता, और नई आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर सकती है।