💰 शुक्रवार और श्रवण नक्षत्र के शुभ संयोग में बन सकते हैं आपके भी बिगड़े काम💰
हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन समापन के बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत होती है। यह महीना त्योहारों और व्रत-पूजाओं से भरा रहता है। इस बार विशेष संयोग यह है कि शुक्रवार को होने वाली वैभव लक्ष्मी पूजा और 11 हजार महालक्ष्मी मंत्र जाप के साथ श्रवण नक्षत्र का पावन मेल भी बन रहा है। श्रवण नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का 22वां नक्षत्र है, जो मकर राशि में आता है। इसका अधिष्ठाता देवता भगवान विष्णु हैं और स्वामी ग्रह चंद्रमा है। श्रवण नक्षत्र का अर्थ है सुनना और ज्ञान ग्रहण करना, इसलिए इस दिन की गई पूजा और मंत्र-जप का प्रभाव कई गुना माना जाता है। जब शुक्रवार (माता लक्ष्मी का दिन) और श्रवण नक्षत्र (भगवान विष्णु का नक्षत्र) साथ आएं, तो इसे अत्यंत दुर्लभ और फलदायी योग कहा गया है।
सनातन धर्म में माता लक्ष्मी को समृद्धि और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। शुक्रवार उनका विशेष दिन है, और मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक उपासना करने से धन, समृद्धि और कर्ज से राहत का आशीर्वाद मिलता है। जब यह अनुष्ठान शक्तिपीठ श्री महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर, कोल्हापुर में हो, तो इसकी पवित्रता और भी बढ़ जाती है। यह वही स्थान है जहां वर्ष में तीन बार स्वयं सूर्यदेव भी माता को प्रणाम करने आते हैं। शास्त्रों में उल्लेख है कि इस विशेष संयोग के दिन 11 हजार महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा और हवन अत्यंत शुभ माने जाते हैं। देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से एक वैभव लक्ष्मी सुख-समृद्धि और वैभव प्रदान करने वाली शक्ति हैं। श्रवण नक्षत्र के योग में की गई यह आराधना भक्तों को आर्थिक स्थिरता, घर-परिवार में आनंद और उन्नति के अवसरों की अनुभूति कराती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस पावन अनुष्ठान में भाग लें और माता लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु के आशीर्वाद से जीवन में धन, आनंद, शांति और उन्नति का साक्षात्कार करें।