इस नरसिंह जयंती पर, लक्ष्मी नरसिंह की प्रचंड सुरक्षा और प्रचुर कृपा का आह्वान करें, ताकि जीवन में समृद्धि आए और वित्तीय बोझ से मुक्ति मिले। 🌸🛡️
🛕 तिरुपति की पवित्र भूमि पर पवित्र अनुष्ठानों में शामिल हों और अपने जीवन में भौतिक समृद्धि, धन स्थिरता और ऋण मुक्ति को आमंत्रित करें। ✨🌿
वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को मनाई जाने वाली नरसिंह जयंती, भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह के दिव्य अवतरण का पावन प्रतीक मानी जाती है। एक अनोखे आधे मनुष्य और आधे सिंह के रूप में भगवान नरसिंह ने अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा हेतु और अत्याचारी राजा हिरण्यकश्यप के विनाश के लिए यह अवतार लिया था। हिरण्यकश्यप को ऐसा वरदान प्राप्त था जिससे वह न तो मनुष्य द्वारा मारा जा सकता था, न जानवर द्वारा, न दिन में न रात में, न घर के भीतर न बाहर। इस वरदान के प्रभाव से वह पूरे ब्रह्मांड में आतंक फैलाने लगा। तब भगवान विष्णु ने दिव्य रचनात्मकता का परिचय देते हुए नरसिंह रूप में प्रकट होकर, गोधूलि वेला में, एक दहलीज पर, न तो मनुष्य बने, न जानवर और उस राक्षस का अंत किया। यह अद्भुत लीला इस बात का शाश्वत प्रमाण है कि भगवान सच्चे भक्त की सदैव रक्षा करते हैं। नरसिंह भगवान के उग्र रूप के साथ देवी लक्ष्मी का सौम्य व पोषणमयी रूप भी विद्यमान है। लक्ष्मी-नरसिंह का यह संयुक्त स्वरूप सुरक्षा, भौतिक उन्नति, समृद्धि तथा भावनात्मक संतुलन का प्रतीक माना जाता है। कथानुसार, जब भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का संहार किया, तब उनका विकराल रूप केवल देवी लक्ष्मी की मधुर व शांत उपस्थिति से ही शांत हो सका। यह दर्शाता है कि जहां क्रोध हो, वहां करुणा भी आवश्यक है, और जहां उग्रता हो, वहां संतुलन के लिए सौम्यता भी होनी चाहिए।
इस शुभ अवसर पर श्री मंदिर, तिरुपति स्थित पावन श्री सिद्धि बुद्धि लक्ष्मी गणपति मंदिर में विशेष लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र पाठ एवं अष्ट लक्ष्मी यज्ञ का आयोजन कर रहा है जो भगवान विष्णु को समर्पित एक अत्यंत प्रतिष्ठित तीर्थस्थल है और अपने प्रबल आध्यात्मिक ऊर्जा क्षेत्र के लिए विख्यात है। लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र पाठ में भक्त भगवान नरसिंह की उग्र किन्तु करुणामयी कृपा की प्रार्थना करते हैं, जिससे वे बाधाओं से मुक्ति और दिव्य संरक्षण प्राप्त कर सकें। अष्ट लक्ष्मी यज्ञ देवी लक्ष्मी के आठ रूपों आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, विजया लक्ष्मी और विद्या लक्ष्मी को समर्पित है। यह यज्ञ सम्पूर्ण समृद्धि, धन, सफलता, संतान, साहस, विजय और ज्ञान हेतु विशेष रूप से किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिव्य यज्ञ के माध्यम से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं, जीवन में नए अवसर प्राप्त होते हैं और भौतिक सौभाग्य स्थिर होता है। इन शक्तिशाली अनुष्ठानों में भाग लेने से भक्तों को न केवल कर्ज़ के बोझ से मुक्ति मिलती है, बल्कि वे दीर्घकालीन वित्तीय उन्नति और स्थायित्व की ओर अग्रसर हो पाते हैं। श्री मंदिर के माध्यम से इस पावन नरसिंह जयंती अनुष्ठान में सहभागी बनें और लक्ष्मी नरसिंह के प्रचंड आशीर्वाद व सौम्य कृपा से चिरस्थायी धन, शांति और दिव्य सुरक्षा प्राप्त करें।