🌑 राहु और शनि, दोनों ही ग्रह जीवन में कर्म, परीक्षा और परिवर्तन के प्रमुख कारक माने जाते हैं। शनि न्याय, अनुशासन और धैर्य के देवता हैं। वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, देर से ही सही पर स्थायी परिणाम उनकी कृपा से प्राप्त होते हैं। शनि संघर्ष, जिम्मेदारी और आत्मसंयम सिखाते हैं। वहीं, राहु छाया ग्रह होकर आकांक्षा, भ्रम, अचानक परिवर्तन और असाधारण सफलता का कारक बनता है। राहु देव व्यक्ति को परंपरा से हटकर सोचने, जोखिम लेने और ऊंचाइयों तक पहुंचने की शक्ति और प्रेरणा देते हैं। साथ ही बुरे प्रभाव पड़ने पर असंतुलन, भय, भ्रम और अशांति छा जाती है। इन दोनों ग्रहों को प्रसन्न कर लिया तो साल 2025 के कष्ट और संघर्ष, साल 2026 में उन्नति और सकारात्मकता के रूप में सामने आ सकते हैं।
🌑 इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में 48 घंटे का अखंड राहु-शनि प्रकोप निवारण महायज्ञ होने जा रहा है, जो अपने आप में दुर्लभ अवसर है। साल के आखिरी दिन होने जा रही यह महापूजा दो मजबूत ग्रहों की कृपा आप पर बरसा सकती है, जिससे नए साल में नई उम्मीदों और उन्नति के साथ आगे बढने का रास्ता बन सकता है। विद्वान मानते हैं कि राहु-शनि प्रकोप शांति महायज्ञ जीवन में बड़ा बदलाव लाने की शक्ति रखता है।
🌑 जब जीवन में अचानक बाधाएं बढ़ने लगें, बिना कारण भय, मानसिक दबाव, आर्थिक अस्थिरता और संबंधों में तनाव रोके न रुके, तो इसके पीछे अक्सर राहु और शनि ग्रह का संयुक्त या अशांत प्रभाव हो सकता है। राहु भ्रम, अचानक उतार-चढ़ाव और नकारात्मक सोच को बढ़ाता है, जबकि शनि देरी, दबाव और कर्मों की कठोर परीक्षा लेते हैं। ऐसे समय में 48 घंटे का अखंड राहु-शनि प्रकोप निवारण महायज्ञ अत्यंत प्रभावशाली आध्यात्मिक उपाय माना गया है।
🌑 इस महायज्ञ में विद्वान पुरोहितों द्वारा लगातार 48 घंटे तक विशेष वैदिक मंत्रों—राहु बीज मंत्र, शनि बीज मंत्र, नवग्रह शांति मंत्र और रुद्र सूक्त—का अखंड जाप किया जाता है। साथ ही, शनिदेव का तिल तेल अभिषेक, राहु-केतु शांति आहुतियां और हवन में विशेष औषधीय सामग्री का प्रयोग किया जाता है। यह अखंड साधना ग्रहों की अशुभ ऊर्जा को शांत कर सकारात्मक प्रवाह स्थापित करने वाली मानी गई है। इस महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य कर्म बाधा निवारण, मानसिक शांति, भय मुक्ति, कर्ज-विवाद शांति और और नए साल में उन्नति के साथ प्रवेश है।
🌑 श्री मंदिर द्वारा इस अखंड 48 घंटे की राहु-शनि साधना में भाग लें और नए साल में नई ऊर्जा और उन्नति की सही दिशा का आशीष पाएं।